नई दिल्ली। दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 से 27 नवंबर तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार मंडप को इस वर्ष मेले की थीम ’रूरल इंटरप्राइजेज ऑफ इंडिया’ के अनुरूप नायाब रूप दिया जा रहा है। इस वर्ष प्रगति मैदान के हाल नं 12 में बिहार मंडप को आकर्षक स्वरूप दिया जा रहा है। बिहार सरकार के उद्योग विभाग द्वारा बिहार पवेलियन के क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में लगातार पांचवीं बार उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान को यह जिम्मेदारी दी है, जो बिहार पवेलियन सजाने संवारने के लिए नियुक्त इवेंट कंपनी दारा प्रोजेक्ट के सरबजीत सिंह दारा के साथ मिलकर बिहार पवेलियन को आकर्षक रूप देंगे।
उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के उपनिदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि बिहार पवेलियन को तैयार करने में पवेलियन के अगले हिस्से में बिहार की प्रसिद्ध मिथिला (मधुबनी) पेंटिंग और भागलपुर की मंजूषा पेंटिंग का उपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि 38वें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार पवेलियन में उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के नायब हस्तशिल्प एवं हैंडलूम कला, मंजूषा पेंटिंग, मिथिला पेंटिंग, टिकुली आर्ट की बेहतरीन झलक देखने को मिलेगी। पवेलियन के मुख्यद्वार एवं बाहरी हिस्सों में विभिन्न विभागों की प्रदर्शित मनमोहक झलकियां व डिजाइन आगंतुकों को बिहार पवेलियन भ्रमण के लिए आकर्षित कर देगा।
बिहार मंडप के साज-सज्जा के लिए इवेंट मैनेजर दारा प्रोजेक्ट (नई दिल्ली) को नियुक्त किया गया है, जो सरबजीत दारा के नेतृत्व में मेले के थीम के अनुरूप बिहार मंडप को सजाने संवारने में जुटी हुई है।
बिहार मंडप में उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान द्वारा हस्तशिल्प एवं हैंडलूम का जीवंत प्रदर्शन आकर्षण का केंद्र होगा।
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