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Friday, 16 November 2018

रालोसपा नेता हत्याकांड में गिरफ़्तार बिट्टू था कई थानेदारों का दुलरूआ

पूर्व में बाईपास, गर्दनीबाग और वर्तमान में महिला थानाध्यक्ष के सरकारी गाड़ी को चलता था बिट्टू

>> पुलिस के हर गतिविधियों को अपराधियों से करता होगा साझा

>> पुलिस मुख्यालय ने आम व्यक्ति से किसी तरह का थाने में सरकारी सेवा लेने पर लगा रखा हैं रोक

>> गिरफ्तार बिट्टू, रणवीर सेना कमांडर का है भतीजा

पटना ( अ सं ) । रालोसपा नेता अमित कुमार भूषण हत्याकांड में गिरफ्तार किया गया बिट्टू कोई साधारण व्यक्ति नहीं है बल्कि पटना पुलिस का दुलरूआ हैं । दुलरूआ कहना ,इसलिए उचित हैं की वह पूर्व में बाईपास थाना और गर्दनीबाग थाने का सरकारी वाहन चला चुका हैं । वर्तमान में बिट्टू कुमार ,महिला थानाध्यक्ष की सरकारी गाड़ी का निजी चालक था। वह छठ पूजा में भी छुट्टी लेकर अपना घर पालीगंज के खिरी मोड़ स्थित मेरा गांव गया हुआ था। अमित कुमार की हत्या को अंजाम देने के बाद बिट्टू कुमार अरवल जिले में अपना ससुराल में छिपा था, जिसे पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर लिया । बिट्टू कुमार ,रणवीर सेना का कमांडर रहा अनिल शर्मा का भतीजा बताया जाता हैं ।
    बिट्टू कुमार कोई पहला व्यक्ति नहीं हैं जो पटना जिले के थाने का सरकारी वाहन को निजी चालक के रूप में चला रहा बल्कि कमोबेश सभी थाने का सरकारी वाहन निजी चालक के भरोसे ही हैं । पुलिस मुख्यालय ने पुलिस थाने में सरकारी कार्य के लिए निजी चालक से लेकर निजी व्यक्ति तक को रखने पर रोक लगा रखा हैं । पुलिस मुख्यालय का मानना हैं की निजी व्यक्ति ,पुलिस की कार्रवाई और गतिविधियों को गलत व्यक्तियों को साझा करता हैं ।इससे पुलिस को कामयाबी मिलने में परेशानी होती है या फिर पुलिस को नुकसान भी उठाना पड़ता हैं ।कई बार तो सूचना लीक होने के कारण पुलिसकर्मी की जान तक जा चुकी हैं ।सबसे बड़ी बात तो यह है की थाने में निजी चालक या निजी मुंशी रखने के लिए सरकार कोई बजट नहीं देती । अब सवाल उठता है की निजी चालक या मुंशी खैरात में तो पुलिस की सेवा नहीं करते होंगे । जबकि इन निजी चालक और मुंशी का लाइफ स्टाइल किसी सरकारी पुलिसकर्मी से कम नहीं होती ।अब आप मंथन कर सकते हैं । इसके लिए सिर्फ थानेदार ही दोषी नहीं हैं बल्कि पुलिस विभाग में आज भी संसाधन के नाम पर घोर अभाव हैं और इसके लिए कई तरह के समझौता करना पड़ता हैं ।

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