नियमानुसार हुआ है नरभक्षी बाघिन का शिकार
मुंबई- नरभक्षी बाघिन के शिकार के बाद मचे सियासी बवाल के बीच वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने बाघिन के शिकार को नियमानुसार बताया है। उन्होंने वन्य कानून नियमों का हवाला देते हुए केंद्रीय महिला व बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी को जवाब दिया है कि बाघिन को पकड़ने की कोशिशें नाकाम होने के बाद उसे जान से मारने का आदेश प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (पीसीसीएफ) तथा मुख्य वन्यजीव संरक्षक ने दिया था। वनकर्मियों ने आत्मसुरक्षा में गोली चलाई थी।
मंत्रालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मुनगंटीवार ने बताया कि अपने कार्यकाल में उन्होंने एक भी बाघ को मारने की अनुमति नहीं दी। वन मंत्री अथवा वन विभाग के सचिव को यह अधिकार नहीं है। उनके कार्यकाल में केवल एक बाघ को पकड़ने की अनुमति दी गई थी। महाराष्ट्र सरकार की उपाययोजना से राज्य में बाघों की संख्या में 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वन मंत्री ने बताया कि नरभक्षी बाघिन को करीब 2 महीने से पकड़ने की कोशिश की जा रही थी। सारी कोशिशें नाकाम होने के बाद राष्ट्रीय व्याघ्र संवर्धन प्राधिकरण (एनटीसीए) के दायरे में रहते हुए उसे मारने की आदेश दिया गया था। मानव जीवन को धोखा साबित होनेवाले वन्य प्राणियों पर अंकुश लगाने पर सुझाव देने उप वनसंरक्षक (प्रादेशिक) की अध्यक्षता में तकनीक सलाहकार व नियंत्रण समिति का गठन किया गया है।
वन मंत्री मुनगंटीवार के अनुसार समिति में एनटीसीए के प्रतिनिधि, विशेषज्ञ, वन्यजीव क्षेत्र में काम करनेवाले गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, निकाय संस्थाओं के प्रतिनिधि और पशु चिकित्सक आदि का समावेश है। उन्होंने बताया कि इस बाघिन ने पांढरकवडा वन क्षेत्र में हमला करके 13 लोगों को जान ली थी। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार बाघिन को मारने का प्रस्ताव नागपुर के प्रधान मुख्य वन संरक्षक को भेजा गया था। बाघिन को पकड़ना संभव न होने पर उसे मारने और उसके बच्चों को रेस्क्यू सेंटर में भेजने का आदेश वन संरक्षक ने दिया था। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी इस आदेश को कायम रखा था।
वन मंत्री मुनगंटीवर ने बताया कि बाघिन को पकड़ने के लिए वन विभाग के 200 कर्मचारी गए थे और दिन रात उसकी तलाश कर रहे थे। इस मुहिम में शार्पशूटर नवाब शफात अली खान और असगर अली खान का समावेश था। बाघिन के बछड़ो की तलाश जारी है। इस दौरान उन्होंने मेनका गांधी के संसदीय क्षेत्र पीलीभीत में किए गए नरभक्षी बाघ के शिकार की भी याद दिलाई। उन्होंने कहा कि बेवजह मामले को तूल देना उचित नही हैं।
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