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Saturday, 1 December 2018

प्रधानमंत्री के फर्जी घोषणा करने से हमें तो कुछ नही मिला, इसलिये मरना ही विकल्प

नई दिल्ली। ईपीएफ के बुजुर्ग पेंशनर्स चार दिसंबर से भीकाजी कामा प्लेस स्थित भविष्य निधि ऑफिस के सामने आमरण अनशन करेंगे और मांगें नहीं मानी गई तो सात दिसंबर को जंतर मंतर पर सामूहिक आत्मदाह करेंगे। ईपीएफ राष्ट्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने यह जानकारी दी।

अशोक राउत ने कहा कि ईपीएफ पेंशनर्स अपनी मांगपत्र की प्रतियां प्रधानमंत्री मोदी के अलावा सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री, श्रम और रोजगार मंत्री, सभी सांसदों, सभी सीबीटी के सदस्यों और दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को भेज चुके हैं।

उन्होंने कहा कि कोशियारी समिति की सिफारिशों के तहत कम से कम 7,500 रुपये मासिक पेंशन और अंतरिम राहत के रूप में 5000 रुपये और महंगाई भत्ते की मांग के लिए पेंशनर्स संघर्ष कर रहे हैं।

गौरतलब है कि एक साल के भीतर 2 लाख पेंशनर्स दम तोड़ चुके हैं। ईपीएफ पेंशन के लिए संघर्ष कर रहे लोग 60 से 80 वर्ष की उम्र के हैं।

अशोक राउत ने तंज कसते हुए कहा, “सात दिसंबर को विभिन्न दलों के नेता हमारे सामूहिक आत्मदाह कार्यक्रम का रिबन काटकर उद्घाटन करें। रोज-रोज मरने से अच्छा है कि एक दिन मरकर जिंदगी खत्म कर दी जाए। हमने अपना हक पाने के लिए हर जायज तरीके से आंदोलन किया। तालाबंदी की, सांसदों के घर के आगे प्रदर्शन किया, भिक्षा मागी, मुंडन तक कराया। अब सरकार हमें बताएं कि किस ढंग से हम प्रदर्शन करें, जो उनके कानों में जूं रेंगेगी। हम बुजुर्ग है। सड़क पर उतरकर तोड़फोड़ नहीं कर सकते। बसों के शीशे नहीं तोड़ सकते।“

राउत ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री ने पेंशन धारकों को मिलने वाली पेंशन की राशि 1000 रुपये करने की घोषणा की थी, लेकिन आज भी करीब 17 लाख पेंशन धारकों को 1000 रुपये से भी कम पेंशन मिल रही है। प्रधानमंत्री के ऐसे फर्जी घोषणा करने से हमें तो कुछ नही मिला। इसलिये मरना ही विकल्प है।

राउत ने कहा कि ईपीएस-95 योजना के तहत 62 लाख पेंशनधारक है, जिसमें से करीब 40 लाख सदस्यों को हर महीने 1500 रुपये से कम पेंशन मिल रही है और अन्य कर्मचारियों को 2 हजार रुपये से ढाई हजार रुपये मासिक पेंशन मिल रही है। कर्मचारियों का कहना है कि कमरतोड़ महंगाई के जमाने में इतनी कम पेंशन में महीने का खर्च चलना काफी मुश्किल है।“

राउत ने कहा कि इतनी महंगाई के जमाने में ईपीएस-95 के पेंशनर्स को सिर्फ 200 रुपये से 2500 महीने पेंशन मिल रही है, दूसरी ओर सरकारी कर्मचारियों की महीने की तनख्वाह 1 लाख या 1.50 लाख तक पहुंच गई है।

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