आईपीएस शालीन के सक्रियता से मिला रेप पीड़िता को न्याय और दोषी को सज़ा | Alienture हिन्दी

Breaking

Post Top Ad

X

Post Top Ad

Recommended Post Slide Out For Blogger

Friday 21 December 2018

आईपीएस शालीन के सक्रियता से मिला रेप पीड़िता को न्याय और दोषी को सज़ा

 बड़े ऑफर और राजनीतिक दबाव, नहीं आया कार्रवाई के बीच

>> एफआईआर करने को तैयार नहीं हुई थी महिला पुलिस ,शिकायत लेकर पहुंची थी डीआईजी कार्यालय

>> एसआईटी गठित के साथ प्रति दिन कार्रवाई की होती थीं समीक्षा

>> कुल 22 गवाहों की कोर्ट में हुई गवाही ,जिसमें सबसे अधिक मेडिकल बोर्ड के 7 डाक्टर

रवीश कुमार मणि
पटना ( अ सं ) । मुख्यमंत्री के गृह जिले की नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार हुई । पीडि़त परिवार शिकायत को लेकर नालंदा जिले के आला अधिकारियों का चक्कर काट चुकी थीं । जदयू-राजद के गठजोड़ की सरकार थीं ।रेप का आरोप राजद के  विधायक राजबल्लभ यादव पर लग रहा था। सत्ता और कुर्सी को लेकर मामले को दबाने की पुरी कोशिश की जा रहीं थीं । इसी बीच पीडि़त परिवार तत्कालीन डीआईजी शालीन से मिलने पटना पहुंचे । लंच टाइम था, तत्कालीन डीआईजी शालीन निकलने वाले थे की गैलरी में पीडि़त परिवार से मुलाकात हो गयी । नाबालिग लड़की के आंखों में आंसू की धारा बह रहीं थीं ,बिना कुछ बातें समझे ही डीआईजी शालीन पीडि़त परिवार को अपने कार्यालय में ले गये और तसल्ली से बातें सुनी ।
तत्कालीन डीआईजी शालीन ने नालंदा और नवादा पुलिस से जानकारी इकट्ठा किया और सबसे पहले पीडि़ता के बयान पर बिहारशरीफ महिला थाने में कांड संख्या 15 /16 दर्ज कराएं और पीडि़ता की मेडिकल कराने को कहां । दूसरे दिन तत्कालीन डीआईजी शालीन नालंदा पहुंच गये और पीडि़त नाबालिग लड़की की 164 का बयान दर्ज कराएं । तब तक इसकी चर्चा राजनीतिक गलियारें और सूबे में आग की तरह फैल गयी । डीआईजी शालीन पर राजनीतिक दबाव बढ़ना शुरू हो गये ,बड़े ऑफर के लिए मेडिऐटर की खोज होने लगी । डीआईजी शालीन अपने नेतृत्व में जांच शुरू किया और एफआईआर की प्रक्रिया पुरी होने के 48 घंटे के अंदर ही एसआईटी गठित कर कार्रवाई तेज करने का आदेश दिया । सभी आरोपियों के गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कार्रवाई तेज हो गयी । फरार रहने के स्थिति में राजबल्लभ यादव के ठिकाने पर छापेमारी और कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की गयी । तत्कालीन डीआईजी शालीन ने इस कदर दबिश बनाया की राजबल्लभ यादव को आखिरकार कोर्ट में सरेंडर करना पड़ गया ।
      तत्कालीन डीआईजी शालीन ने केस को मजबूत करने के लिए बिहार अपराध एवं अनुसंधान विभाग (सीआईडी)  से मदद लिया । सीआईडी के सुझाव से मेडिकल बोर्ड गठित हुई ,जिसमें 7 डाक्टर शामिल हुये ।सीआईडी के विपीन कुमार चौधरी और राज कुमार भारती ने ठोस साक्ष्य इकट्ठा कराया और केस डायरी को मजबूती से तैयार हुआ । केस की अनुसंधानकर्ता मृदुला कुमारी सहित चार पुलिसकर्मी की गवाही हुई । इसके साथ ही वोडाफोन, एयरटेल ,आइडिया के नोडल ऑफिसर की गवाही हुई । पीडि़त ,नाबालिग लड़की सहित तीन परिजनों की गवाही हुई । दो ज्यूडिसियल ऑफिसर की गवाही हुई । कुल 22 गवाहों की गवाही के बाद रेप का आरोपी राजबल्लभ यादव सहित अन्य को सजा हुई हैं और पीडि़त परिवार को न्याय।

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad