वाशिंगटन। अमेरिकी खजाना विभाग ने तीन रूसी कंपनियों से औपचारिक रूप से प्रतिबंध हटा लिया है, जिनमें दुनिया में अल्यूमीनियम का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक रूस भी शामिल है। यह कंपनी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक सहयोगी से जुड़ी है। हालांकि अमेरिकी कांग्रेस में इस पर कड़ी आपत्ति जताई गई है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, खजाना विभाग ने 19 दिसंबर को कांग्रेस को अपने इरादे से अवगत कराते हुए बताया कि कंपनियों पर उसके स्वामित्व और कुलीन ओलेग देरीपास्का के नियंत्रण को लेकर प्रतिबंध लगाया गया था, न कि उनके आचरण को लेकर।
विभाग ने रविवार को एक बयान में कहा कि रूस की अल्युमीनियम की बड़ी कंपनी का स्वामित्व धारण करने वाले रूसल और एन प्लस ग्रुप और ऊर्जा कंपनी जेएससी यूरासिबएनरगो ने काफी अच्छे ढंग से रिस्ट्रक्चरिंग की है और कॉरपोरेट प्रबंधन में बदलाव करके देरीपास्का के स्वामित्व में कमी की गई है और कंपनियों को 30 दिनों के भीतर सूची से हटाने के मानकों को पूरा करने की अनुमति प्रदान करने के लिए उनके नियंत्रण से बाहर कर दिया गया है।
बयान के अनुसार, एन प्लस, रूसल और ईएसई ने इन कंपनियों में देरीपास्का की प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी कम कर दी है और उनके नियंत्रण से कंपनियों को अलग कर दिया है।
इस कार्रवाई में यह सुनिश्चित किया गया है कि एन प्लस और रूसल के बोर्ड में अधिकांश स्वतंत्र निदेश होंगे, जिनमें अमेरिका और यूरोप के ऐसे लोग होंगे, जिनका देरीपास्का से किसी प्रकार का कारोबारी, पेशेवर या पारिवारिक संबंध नहीं है।
हालांकि देरीपास्का पर प्रतिबंध जारी रहेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कथित रूसी हस्तक्षेप को लक्ष्य करके बड़ा पैकेज का हिस्सा के रूप में उनको पिछले साल ब्लैकलिस्ट किया गया था।
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