पुलिस की सुरक्षा बढ़ी- घर जाने से मना किया
डॉक्टर आर बी. चौधरी
चेन्नई। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भगवान अय्यप्पा के मंदिर में प्रवेश करने वाली पहली महिला कनकदुर्गा की मुसीबतें बढ़ती प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.सबरीमाला मंदिर घर लौटने के बाद उसके सास के आक्रमण से घायल कनकदुर्गा को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कर दिया गया था जहां उसकी इलाज चल रही थी. चिकित्सा के बाद, घर वापसी की बात पूछे जाने पर उसने मना कर दिया और अपनी जान पर खतरा बताया है।
ज्ञात रहे की कनकदुर्गा एवं बिंदु अमीनी 2 जनवरी 2019 को भगवान अय्यप्पा के श्रद्धालुओं की भीड़ में चुपके- छुपाते दर्शन कराई थी जिससे उन पर 800 सालों की परंपरा तोड़ने का इल्जाम लगाया गया था क्योंकि दोनों महिलाओं ने 28 दिसंबर 2018 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए अनुमति के बाद मंदिर में दर्शन करने गई थी. पुलिस के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार कनकदुर्गा के पति तथा उसके भाई का परिवार उसे घर में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है. ऐसी हालात में इस समय उसे केंद्र सरकार द्वारा “निर्भया फंड” के अधीन चलाई जा रही “वन स्टॉप सेंटर” पर रखा गया है.
सास के द्वारा जानलेवा हमले के बाद उसने अपने जान का खतरा बताया था और अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई थी. इस मामले में कनकदुर्गा सहित बिंदु को सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार केरल सरकार ने 24 घंटा सुरक्षा प्रदान किया. उसके सुरक्षा में 10 पुलिस कर्मियों की एक टुकड़ी तैनात कर दी गई है. कनकदुर्गा इस समय महिलाओं के घरेलू उत्पीड़न के अधिनियम के तहत अपने सुरक्षा मांग रही है।
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