देश में कुछ महीनों के बाद ही लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में विपक्षी पार्टियां हर हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोकने और बीजेपी को सस्ता से दूर रखने के लिए पूरा जोर लगा रही है। ऐसे में पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन का एक बयान सामने आया है, जो विपक्षी पार्टियों के लिए झटका हो सकता है। उन्होंने एक मीडिया हाउस से बात करते हुए देश में गठबंधन की सरकार को विकास के लिए सही नहीं बताया।
रघुराम राजन ने बातचीत में कहा कि अगर 2019 लोकसभा चुनाव के बाद देश में गठबंधन की सरकार आती है तो यह सही नहीं होगा। इससे देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ सकती है। स्विट्जरलैंड के दावोस (DAVOS) में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के दौरान रघुराम ने जीएसटी और नोटबंदी से लेकर भी विचार साझा किए। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस सरकार आने की स्थिति में खुद के वित्त मंत्री बनने की चर्चाओं को भी खारिज किया। रघुराम ने कहा कि मैं कोई राजनीतिज्ञ नहीं हूं, ये सब महज अटकलें हैं।
राजन ने दक्षिण एशिया के लिए रणनीतिक परिदृश्य सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आज भले ही भारत के मुकाबले चीन काफी आगे है, लेकिन एक दिन वह पीछे होगा। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक रूप से क्षेत्र में भारत की बड़ी भूमिका रही है, लेकिन भारत की तुलना में चीन काफी आगे निकल चुका है, उसने क्षेत्र में भारत के मुकाबले अपने को खड़ा किया है। भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है जबकि चीन में वृद्धि दर धीमी पड़ रही है।
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने मोदी सरकार के दो बड़े आर्थिक फैसलों जीएसटी (Goods and Service Tax) और नोटबंदी पर भी राय दी। उन्होंने जीएसटी को सकारात्मक कदम बताया तो दूसरी तरफ नोटबंदी पर खुलकर कुछ नहीं कहा, लेकिन उसे सेटबैक यानी झटका करार दिया। रघुराम राजन का बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि अब तक कांग्रेस उनके नाम के सहारे मोदी सरकार को घेरती रही है। साथ ही उनके इस्तीफे के बहाने मोदी सरकार आरबीआई जैसी बड़ी संस्था को बर्बाद करने के आरोप लगाती रही है। अर्थव्यवस्था को लेकर दिए गए रघुराम राजन के बयानों को भी कांग्रेस अपने हिसाब से मोदी सरकार के खिलाफ इस्तेमाल करती रही है।
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