लखनऊ। आईटी स्थित विवेकानन्द पॉलीक्लीनिक एवं आयुर्विज्ञान संस्थान में बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस मनाया गया। एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक, केनकिड्स और इनरव्हील के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में 10 चयनित बाल कैंसर से बचे लोगों के एक समूह ने अपने माता-पिता के साथ अपने अनुभवों को किया साझा।
संस्थान के संगोष्टी कक्ष में बाल कैंसर पर चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम का उद्घाटन उपस्थित लोगों के साथ कैंसर पीडि़त बच्चों द्वारा किया गया सचिव स्वामी मुक्तिनाथानन्द महाराज ने कहा कि वे कैंसर से बचे बच्चों को प्रोत्साहित करने आये थे, लेकिन उनकी प्रेरणादायक कहानी सुनने के बाद, प्रेरित और प्रोत्साहित महसूस करते है।
बाल कैंसर से संबंधित समाज में जागरूकता जरूरी

वहीं पॉलीक्लीनिक की पीडियाट्रिक्स और नियोनेटोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ नीता भार्गव ने बाल कैंसर विषय पर परिचय देते हुए बाल कैंसर के विभिन्न घटनाओं एवं उत्तर प्रदेश व भारत में उपलब्ध उपचार सुविधाओं के बारे में चर्चा की। संस्थान के निदेशक, डॉ (ब्रिगेडियर) टी. प्रभाकर ने विशेष रूप घटना के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बाल कैंसर से संबंधित समाज में प्रचलित मिथकों के बारे में समाज में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
भारत में समर्पित बाल चिकित्सा कैंसर केंद्रों की कमी। प्रो अर्चना
पॉलीक्लीनिक की पीडियाट्रिक्स और नियोनेटोलॉजी विभाग की कंसल्टेंट पीडियाट्रिक्स, हेमेटोलॉजी ऑन्कोलॉजी प्रो अर्चना कुमार ने बताया कि बच्चों में सबसे आम कैंसर हैं: ल्यूकेमिया, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र का कैंसर, हॉजकिन का लिंफोमा, गैर-हॉजकिन का लिंफोंमा, किडनी का कैंसर, संयोजी ऊतक कैंसर, हड्डी का कैंसर, नेत्र कैंसर, एड्रिनल ग्रंथि का कैंसर और जिगर का कैंसर।
बाल कैंसर वयस्क कैंसर से भिन्न होते हैं, लेकिन भारत में समर्पित बाल चिकित्सा कैंसर केंद्रों की कमी है।

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