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Saturday, 2 February 2019

राममंदिर: 28 साल बाद खुलासा, आंकड़ों से कहीं ज्यादा कारसेवकों की मौत हुई थी

नई दिल्ली। राम जन्म भूमि विवाद मामले में 28 साल बाद नया खुलासा करने का दावा किया गया है। इसके अनुसार गोली कांड के बाद यहां कार सेवकों की कई लाशें दफनाई गईं थी। गोली 1990 में मुलायम सिंह की सरकार ने चलवाई थी। इस दावे के बाद यूपी की राजनीति में बड़ा भूचाल आ सकता है।

एक चैनल पर दिखाए जा रहे स्टिंग ऑपरेशन में इस खबर को दिखाया गया है। अयोध्या में 1990 में हुई पुलिस की गोलीबारी में कई कारसेवकों की मौत हुई थी। इस मामले में रामजन्मभूमि थाने के तत्कालीन एसएचओ वीर बहादुर सिंह के अनुसार कारसेवकों के मौत का जो आंकड़ा बताया गया, उससे कहीं ज्यादा कारसेवकों की मौत हुई थी। उन्होंने कहा, ‘कारसेवकों की मौत का आंकड़ा कम दिखाने के लिए कई लाशें दफनाई गईं थी।

घटना के बाद विदेश तक से आए थे कई पत्रकार
मीडिया में खबरों के मुताबिक सिंह ने कहा, ‘इस घटना के बाद विदेश तक से पत्रकार आए थे. उन्हें हमने आठ लोगों की मौत और 42 लोगों के घायल होने का आंकड़ा बताया था। लेकिन हमें सरकार को भी रिपोर्ट सौंपनी थी. इसलिए हम पता करने के लिए श्मशान घाट गए।

श्मशान घाट में सामने आए थे ये आंकड़े
उन्होंने कहा, ‘श्मशान में हमने पता किया कि कितनी लाशों को दफनाया गया और कितनी लाशों का दाह संस्कार किया गया है, तो उन्होंने बताया कि 15 से 20 लाशें दफनाई गई हैं।

क्या हुआ था 1990 में
उस समय अयोध्या मामले को लेकर माहौल गरम था। राम मंदिर को लेकर कार सेवक आंदोलन कर रहे थे। यूपी में तब मुलायम सिंह यादव की सरकार थी। आंदोलनकारियों पर मुलायम सरकार ने गोली चलवा दी थी।

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