कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर ने 9 वर्षीय मासूम को डीजीपी के सामने किया पेश, कहा- ये बच्चा कैसे बंदूक से कर सकता है किसी की हत्या।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ पुलिस ने पिछले वर्ष नवंबर के महीने में एक युवक की हुई गोली मारकर हत्या के मामले में पुलिस ने तहरीर के आधार पर कक्षा पांच के 9 वर्षीय छात्र सहित दो लोगों पर नामजद हत्या का केस दर्ज कर दिया। इस मामले का पता चलने पर कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश सिंह ने मासूम के परिवार से मुलाकात की। इसके बाद छात्र को लेकर मंत्री ओपी राजभर डीजीपी ओपी सिंह के पास पहुंचे। उन्होंने डीजीपी से कहा कि ये मासूम बंदूक से गोली मारकर युवक की हत्या कैसे कर सकता है। डीजीपी ने छात्र को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है। मंत्री ने प्रतापगढ़ पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
पुलिस को दी गई तहरीर में शिवाकांत विश्वकर्मा पुत्र शिव कुमार विश्वकर्मा ग्राम ढेहरना कोतवाली नगर ने कहा है कि 26 नवंबर 2018 को शाम करीब 6 बजे उसके पिता शिवकुमार गांव के बाहर स्थित पंपिंग सेट पर थे। उसी समय गांव के रहने वाले सूरज सिंह सूरज सिंह पुत्र स्व.श्याम सिंह और छोटू उर्फ बृजेश सिंह पुत्र हंसराज सिंह ने पिता को गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना को मेरे भाई हनुमत प्रसाद और भतीजा प्रशांत ने देखा। आरोपी हत्या की घटना को अंजाम देकर फरार हो गए। इस घटना पर पुलिस ने हत्या का मुकदमा नामजद सूरज और ब्रजेश के खिलाफ दर्ज कर दिया। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। अगर मासूम निर्दोष है तो उसे न्याय मिलेगा।
बता दें कि ब्रजेश की उम्र महज 9 वर्ष है। जबकि एफआईआर में पुलिस ने उसकी उम्र नहीं लिखी है। एक मासूम बच्चे के खिलाफ हत्या की नामजद एफआईआर क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस मामले की जानकारी जब सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष और भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर को मिली तो उन्होंने मासूम बच्चे के परिवार से मुलाकात की। मंत्री ने पीड़ित परिवार को न्याय का भरोसा दिलाया। राजभर ने इस मामले में पुलिस की लापरवाही की बात कही है। कैबिनेट मंत्री ने बुधवार को मासूम को डीजीपी ओपी सिंह के सामने पेश किया। उन्होंने कहा कि छोटू उर्फ बृजेश सिंह 9 वर्ष का और कक्षा 5 का छात्र है। इसके उपर प्रतापगढ़ की नगर कोतवाली में धारा 302 का मुकदमा दर्ज किया गया है। क्या यह छोटू किसी की हत्या वो भी बंदूक से कर सकता है? जबकि FIR में उम्र तक दर्ज नहीं है। डीजीपी ने मासूम को मदद और न्याय का भरोसा दिलाया है।
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