मुंबई। दिग्गज अभिनेता और राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि अगर प्रत्येक सफल व्यक्ति के पीछे महिला है तो पतन के पीछे भी महिला ही है । लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि वह मीटू आंदोलन का मजाक नहीं बना रहे हैं और उनकी टिप्पणियों को सही भाव में लिया जाना चाहिए।
लेखक ध्रुव सोमानी की पुस्तक ‘ए टच ऑफ एविल’ के विमोचन के मौके पर उन्होंने कहा, ‘‘आज मीटू का समय है और कहने में कोई शर्म या संकोच नहीं होना चाहिए कि सफल व्यक्ति के पतन के पीछे महिला है। मैंने इस आंदोलन में जो देखा है उसमें सफल पुरुषों की परेशानियों और बदनामी के पीछे ज्यादातर महिलाएं हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं वास्तव में खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि आज के समय में तमाम हरकते करने के बावजूद मेरा नाम मीटू आंदोलन में नहीं आया। इसलिए, मैं अपनी पत्नी को सुनता हूं और कभी-कभार उसकी आड़ लेता हूं ताकि कुछ न हो तो भी मैं दिखा सकूं कि ‘मैं खुशहाल शादीशुदा हूं, मेरा जीवन अच्छा है।’’
सिन्हा ने कहा उनकी पत्नी पूनम एक ‘देवी’ हैं और उनका ‘सबकुछ’ है। उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि अगर कोई मेरे बारे में कुछ कहना चाहता है तो कृपया नहीं कहें।’’
पिछले साल हिन्दी फिल्म जगत में मीटू आंदोलन का प्रभाव रहा और यौन उत्पीड़न एवं बलात्कार की खौफनाक कहानियों के साथ कई महिलाएं सामने आई थी ।
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