मुंबई। नेपाल के काठमांडू में जैन समुदाय का तीन दिवसीय विश्वशांति और अहिंसा सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। इस सम्मेलन में दुनियाभर से लाखों की संख्या में जैन समुदाय के लोग शामिल होंगे। यह सम्मेलन 2 से 4 मार्च 2019 तक आयोजित किया गया है।
इस वैश्विक सम्मेलन का आयोजन नेपाल जैन परिषद, समस्त महाजन (मुंबई), श्रीकृष्ण प्रणामी युवा परिषद समेत एक दर्जन अहिंसावादी संगठनों के साझे में किया जा रहा है। हीरालाल जैन और गिरीश शाह के मुताबिक सभी जीवदया प्रेमियों को इस सम्मेलन में शामिल होने का आमंत्रण दिया जा रहा है। काठमांडू आने-जाने के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एक मार्च 2019 को पहुंचना होगा और 4 मार्च 2019 को वापसी होगी। हीरालाल जैन के मुताबिक हिंदु राष्ट्र नेपाल में बड़े पैमाने पर श्रद्धा और भक्ति के नाम पर पशुओं को बलि दी जाती है। किसी ग्रंथ अथवा पुराण में बलि का उल्लेख नहीं है। शब्दों का अनर्थ कर दिया गया है। सदियों से भक्ति के नाम पर पशुओं की बलि देने की परंपरा बन गई है और परंपरा आगे भी चलती जा रही है। मंदिरों में दर्शन को आनेवाले श्रद्धालुओं के हाथ में फूल-नारिय़ल होना चाहिए जबकि उनके हाथों में मुर्गियां होती हैं। मंदिरों के बाहर भेड़,बकरियां और मुर्गियां बिकती हैं। संत कबीर, अंहिंसावादी संगठन लोगों को शांति मार्ग से समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह प्रथा ठीक नहीं है। पशुओं की बलि बंद होनी चाहिए।
जैन के मुताबिक नेपाल का सुप्रीम कोर्ट भी नेपाल सरकार को आदेश दे चुका है कि पशुओं की बलि पर रोक लगनी चाहिए। काठमांडू में आयोजित होने जा रहे तीन दिवसीय सम्मेलन में रैलियां होंगी और विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जनजागरण, बैनर, पोस्टर के माध्यम से लोगों में जागरूकता लाई जाएगी। नेपाल के 74 जिलों के मंदिरों के पुजारी, संतगण, ब्यूरोक्रेट आदि इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसके अलावा दुनियाभर से जैन समुदाय के लोग सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचेंगे। इसीतरह मुंबई, राजकोट, इंदौर, कोलकाता, लखनऊ जैसे शहरों से भी लोग बड़ी संख्या में पहुंचेंगे।
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