गोरखपुर 10 फरवरी । जापानी इंसेफेलाइटिस व अन्य संचारी रोगों से लड़ने व लोगों को जागरूक कर के लिये दस्तक अभियान की शुरुआत प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 33 जागरूकता बैन का हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल के तीन दस्तक अभियानों की सफलता को देखते हुए इस साल के पहले ‘दस्तक अभियान’ चलाया जा रहा है। ये अभियान 10 से 28 फरवरी तक चलेगा। दस्तक अभियान जिले के साथ-साथ गोरखपुर और बस्ती मंडल के सातों जिलों में चलाया जाएगा। साथ ही एमडीए अर्थात मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के तहत स्वास्थ्य विभाग फाइलेरिया से निपटने की पूरी तैयारी कर चुका है। जिले में 40 लाख से अधिक लोगों को 10 से 14 फरवरी तक घर-घर जाकर फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी। इस पांच दिवसीय अभियान के लिए 3786 टीमें बनायी गयी हैं।
इसके अलावा 25 फरवरी से 8 मार्च तक जेई टीकाकरण, 10 मार्च से पोलियो की दवा पिलाने का अभियान शुरू होगा जो 18 मार्च तक चलेगा। स्वच्छता के लिये रोगों से बचाव के लिए जेई की रोकथाम के लिए 15 मई में 15 जून तक व 1 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा, गत वर्ष भी अभियान चलाया गया था जिसका परिणाम बेहतर रहा है। इस अवसर पर स्वास्थ्य सचिव प्रशांत द्विवेदी, कमिश्नर अमित कुमार गुप्ता, सीएमओ डॉ श्रीकांत तिवारी डॉ आई वी विश्वकर्मा, डॉ नंद कुमार, डॉ एके पांडेय समेत अनेक अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
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क्या है दस्तक अभियान
दस्तक अभियान मे आशा कार्यकर्ता गांव के हर घर में जाकर दरवाजा खटखटा कर लोगों को जेई व संचारी रोगों से बचाव के उपाय बताएंगी। सफाई के बारे मे जागरूक करेंगी। सफाई के बारे मे बताएंगी। दस्तक अभियान के तहत स्कूली बच्चों, शिक्षकों और सामाजिक संगठनों के सहयोग से जागरूकता रैली भी निकाली जाएगी। फाइलेरिया रोग की दवा स्वास्थ्य कर्मी व आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर अपने सामने दवा खिलाई जाएगी।
अगर इस दौरान कोई छूट जाता है तो उसे इसके बाद के मापअप राउंड में कवर किया जाएगा। मापअप राउंड 15 से 23 फरवरी तक चलेगा। स्वास्थ्य टीमें एक दिन में 50 घरों में जाएंगी और घर के सदस्यों को फाइलेरिया की दवा खिलाएंगी। रोगी के घर पर स्टीकर लगाएंगी और फॉलोअप भी करेंगी। दो वर्ष से कम के बच्चों को दवा नहीं खिलाया जाएगा।
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