सरेनी/रायबरेली। वैसे तो केंद्र सरकार व राज्य सरकार विकास के मुद्दों को लेकर जनता के बीच दावे करती रही है और उनकी ओर से बडे बडे वायदे भी किये जा रहे हैं लेकिन देखने और समझने वाली बात यह है कि उनकी ओर से किए जा रहे वायदे धरातल पर कितना प्रभावकारी व लागू हो रही है। क्योंकि वायदों से विकास का कोई वास्ता नहीं होता है, विकास कार्य के माध्यम से दिखना चाहिए न कि वायदों से। जहां केंद्र सरकार व राज्य सरकार विकास को लेकर कटिबद्ध हैं वहीं उनकी सरकार के सरकारी कर्मचारी उनके विकास को पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। जहां यूपी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी लगभग 16 से 18 घंटे बिजली की घोषणा कर रखी है वहीं मौजूदा समय में ग्रामीण क्षेत्रों को पर्याप्तता में बिजली नहीं मिल पा रही है।जिससे सरकार के आदेशों पर प्रश्नचिह्न लगना लाजिमी है।वर्तमान समय में ही देख लो बोर्ड परीक्षाएं एक रोज बाद शुरू होने को हैं और विद्युत व्यवस्था चरमराई हुई है। सरेनी क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित विद्युत कटौती होने से परीक्षार्थी अंधेरे में पढ़ने को मजबूर हैं। क्या ऐसे ही पढेगा और ऐसे ही बढेगा इंडिया। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की माने तो बोर्ड परीक्षाएं सिर पर हैं और अघोषित बिजली कटौती से बच्चों की परीक्षा संबंधी तैयारी में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है और बच्चे अंधेरे में पढ़ने को मजबूर हैं। साथ ही साथ उनका यह भी कहना है कि योगी सरकार के सारे दावे ध्वस्त नजर आ रहे हैं। जब इस संबंध में अधिकारियों से जानने की कोशिश की जाती है तो अधिकतर समय उनका फोन कवरेज क्षेत्र से बाहर ही बताता है और यदि गलती से फोन लग भी गया तो संबंधित अधिकारी फोन उठाना मुनासिब नहीं समझते हैं।
Post Top Ad
Wednesday, 6 February 2019
विद्युत कटौती से बोर्ड परीक्षा के परीक्षार्थी अंधेरे में पढ़ने को मजबूर
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment