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Saturday, 23 February 2019

यूपी बोर्ड: भौतिक विज्ञान की परीक्षा में सामुहिक नकल कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश

  • एसटीएफ ने केन्द्र व्यवस्थापक समेत 17 साल्वरों को मुजफ्फरनगर से दबोचा 
लखनऊ। एसटीएफ ने यूपी बोर्ड की भौतिक विज्ञान परीक्षा में  सामुहिक  नकल कराने वाले गिरोह का पदाफार्श कर 17 अभियुक्तों को मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। गिरफ्तार आरोपितों में केन्द्र व्यवस्थापक,शिक्षक , सरगना क्लर्क व साल्वर शामिल हैं। आरोपितों के कब्जे से 12 लाख 50 नकदी, 23  राइस पेपर पर हल प्रश्न पत्र,13 जाली परिचय पत्र , दो अवैध पिस्टल .32 बोर, दो मैगजीन .32 बोर, 10 कारतूस , .32 बोर, 16 मोबाइल, चार भौतिक विज्ञान पुस्तके कक्षा 12वीं, सफारी कार समेत अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।
आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि 7 फरवरी से संचालित होने वाली यूपी  बोर्ड की परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचनाएं मिल रही थी। इस संबंध में सभी यूनिट के टीम को सक्रि य किया गया था। इसी दौरान पता चला कि  जनपद मुजफ्फरनगर के जनता इण्टर कालेज, बाढ़  में सामूहिक नकल करायी जा रही है। विद्यालय में सीसीटीवी लगे होने के कारण परीक्षा कक्ष के बाहर से बोल बोल नकल करायी जा रही है। इस सूचना पर टीम ने उक्त कालेज में छापेमारी कर नकल कराने वाले केन्द्र व्यवस्थापक समेत 17 लोगों को गिरफ्Þतार कर लिया गया। आरोपितों ने अपना नाम व पता  योगेन्द्र पाल सिंह पुत्र कुवर पाल सिंह (प्रधानाचार्य/केन्द्र व्यवस्थापक),श्रीकान्त शर्मा  पुत्र राजवीर शर्मा (फर्जी  टीचर), आकाश वर्मा  पुत्र देवदत्त शर्मा (सोल्वर), अरशद पुत्र मुस्तफा सरवर (फर्जी  टीचर), अनिल पुत्र सुरेश कुमार (फर्जी  टीचर), राहुल पुत्र मेनपाल(फर्जी  टीचर),मो जावेद पुत्र मो शमशाद (फर्जी  टीचर), नितिन कुमार पुत्र पीरू सिंह ,(फर्जी  टीचर), नाजिम पुत्र जमील (फर्जी  टीचर),  सचिन कुमार पुत्र सोमदत्त (फर्जी  टीचर), सुमित कुमार पुत्र सत्यपाल सिंह ,(फर्जी  टीचर) चेतन प्रताप सिंह (फर्जी  टीचर) रोहित कुमार (साल्वर), मनोज कुमार पुत्र उदयवीर सिंह(फर्जी  टीचर), तानसेन पुत्र स्व जगदीश सिंह (फर्जी  टीचर), असरनफीश  उर्फ अख्तर पुत्र (क्लर्क/सरगना) व कमर इन्तखाब पुत्र नकीस (टीचर/सरगना) निवासीगण मुजफ्फरनगर बताया है।
 प्रति वर्ष आठ करोड़ का कारोबार  
 पूछताछ से पता चला कि उक्त गिरोह का सरगना  क्लर्क इन्तखाब है। वह पिछले 8-10 वर्षों से परीक्षाओं में नकल कराने के काम में लगा है। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि लगभग सभी नौकरियों में 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होने की मार्कशीट  की आवश्कता होती है। इस लिए मैं अपने गैंग के लोगों से ऐसे छात्रों से सम्पर्क करवाता हूं, जो दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखण्ड, आदि राज्यों के होते है उन्हें बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण के मार्कशीट  की आवश्यकता होती है। इसके एवज में प्रति छात्र  25 हजार से 55 हजार वसूले जाते हैं। उसने बताया कि प्रत्येक साल लगभग डेढ़ से दो हजार छात्रों को नकल कराता है।  जिनसे लगभग 7-8 करोड़ रुपए मिल जाते हैं। छात्रों से पैसा लेकर व्यक्तिगत फार्म  राजकीय स्कूल रानी हरजीपुर, राजकीय इण्टर कालेज, मुथरा आदि से भरवा दिया जाता है।  जिससे परीक्षा केन्द्र एक ही स्कूल पर होने से वहां के प्रधानाध्यापक एवं अन्य अध्यापकों से साठ-गांठ कर अपने विशेषज्ञ फर्जी अध्यापकों को कक्ष निरीक्षक बनवा कर उनसे नकल करवाते हैं।

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