मोकामा से फरार 7 लड़कियों में से 6 दरभंगा से बरामद
>> पुलिस की सक्रियता से महज 15 घंटे के अंदर मिली कामयाबी -डीजीपी
पटना ( अ सं ) । मोकामा, शेल्टर होम से फरार हुई 7 लड़कियों की खबर ने बिहार पुलिस को बेचैन कर दिया था। पुलिस की सक्रियता से महज 15 घंटे के अंदर 6 लड़कियों को बरामद कर लिया गया । बरामद लड़कियां बताई की शेल्टर होम नहीं यह तो जेल हैं ,हमारी कोई स्वतंत्रता नहीं ।आखिर हमें किस गुनाह की सजा दी जा रही हैं । हमें तो यह बताया गया था की 6 माह के लिए ही शेल्टर होम में रहना हैं ।
दरभंगा जिले के सकतपुर थाना क्षेत्र के गंगोली गांव से बरामद की गयी 6 लड़कियां को पटना के नव ज्योति ,बाल सुधार गृह भेजा गया हैं । एक और लड़की को पुलिस तत्पर्ता से खोजने में जुटी हैं । सम्भावना है की पुलिस इसे भी बरामद कर लेगी । पटना पुलिस और दरभंगा पुलिस की कार्रवाई सराहनीय हैं ।इसमें खासकर एएसपी लिपि सिंह दिन-रात एक कर दी । एसएसपी गरिमा मलिक और डीएम कुमार रवि घंटे -घंटे फीडबैक ले रहे थे। स्वयं डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ,मामले को लेकर गंभीर थे। पुलिस यह पता करने में जुटी हैं की आखिर यह 6 लड़किया एक स्थान पर क्यों थीं और दरभंगा से इसके क्या तार रहे हैं ।
जैसा की बताया जा रहा हैं फरार हुई सात लड़कियों में से चार लड़कियां ,मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले से जुड़ी हैं और सीबीआई इसे गवाह मानती हैं । घटना बाद इन्हें वहां से शिफ्ट कर मोकामा शेल्टर होम भेजा गया था। इनसे यह कहां गया था की मात्र 6 माह के लिए आपको इस शेल्टर होम में रहना है । लड़कियां ,अब बड़ी हो गयी हैं । इसमें कुछ बालिग।
बरामद लड़कियों ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताई की हमें आजादी चाहिए ,हम अपने घर जाना चाहते हैं । शेल्टर होम ,जेल जैसा है और इसमें हमारा दम घुटता हैं । आखिर हमें किस गुनाह की सजा दी जा रही हैं ,हमने कौन सा अपराध किया हैं । इसमें कुछ ऐसे लड़कियां हैं जिसके मां-बाप दोनों है तो किसी की सिर्फ मां हैं । शेल्टर होम में रहना महज इनकी गरीबी हैं । प्रशासन को भी चाहिए की इनको अपने मां-बाप को सौंप दें। गरीबी रेखा से नीचे का जो मापदंड है और जो सुविधाएं मिलती हैं उसे दिया जाएं ।
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