आम तौर पर लोग शर्म और लोगो के बीच में रहने कि वजह से अपनी पेशाब को रोक लेते है जिससे उन्हे कई बीमारियां हो जाती है जैसे…
1) इन्फेक्शन
लंबे समय तक यूरिन रोकने से ब्लैडर में विषैले पदार्थ इकट्ठे हो जाते हैं जिससे यूरिनरी इंफैक्शन होने का खतरा रहता है।
2) पेशाब का रंग बदलना
बहुत अधिक देर यूरीन को रोकने से यूरीन का रंग भी बदलने लगता है। हालांकि ऐसा होने के पीछे सबसे अधिक संभावना संक्रमण की होती है। इसके अलावा बीट, बेरीज, जामुन, शतवारी जैसे कुछ खाद्य पदार्थ के कारण भी यूरीन का रंग प्रभावित होता है। विटामिन बी यूरीन के रंग को हरे और शलजम लाल रंग में बदल देता है।
3) ब्लैडर में सूजन
यूरिन रोकने की वजह से ब्लैडर में सूजन हो जाती है जिससे पेशाब करते वक्त तेज दर्द होता है।
4) किडनी हो सकती है खराब
यूरिन के रास्ते शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं लेकिन जब अधिक देर तक इसे रोक कर रखा जाए तो यह किडनी को नुकसान पहुंचाता है और इससे किडनी फेल होने का भी खतरा रहता है।
5) किडनी की पथरी
यूरिन में कई तरह के यूरिया और अमिनो एसिड जैसे विषैले पदार्थ होते हैं जिनका शरीर से बाहर निकलना बहुत जरूरी है। ऐसे में जब हम यूरिन रोक कर रखते हैं तो ये विषैले तत्व किडनी के आस-पास इकट्ठे हो जाते हैं जिससे गुर्दे में पत्थरी हो जाती है।
6) इन्टर्स्टिशल सिस्टाइटिस
इन्टर्स्टिशल सिस्टाइटिस एक दर्दनाक ब्लैडर सिंड्रोम है, जिसके कारण यूरीन भंडार यानी ब्लैडर में सूजन और दर्द हो सकता है। इन्टर्स्टिशल सिस्टाइटिस से ग्रस्त लोगों में अन्य लोगों की तुलना में यूरीन बार-बार लेकिन कम मात्रा में आता है। डॉक्टरों का मानना हैं कि यह जीवाणु संक्रमण के कारण होता है। इन्टर्स्टिशल सिस्टाइटिस के आम लक्षणों में दर्दनाक श्रोणि, बार-बार यूरीन महसूस होना और कुछ मामलों में ग्रस्त व्यक्ति एक दिन में 60 बार तक यूरीन जाता है।
No comments:
Post a Comment