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Tuesday 12 March 2019

मानसिक तनाव के कारण बच्चे छोड़ रहे परीक्षा: डा0 एमएन त्रिपाठी

मोबाइल से पढ़ाई करने पर याद्दाश्त में आ रही कमी हो सकती है घातक !
बीएचयू के प्रख्यात मनोचिकित्सक ने दिया परीक्षार्थियों को सुझाव
जौनपुर। मोबाइल से पढ़ाई करने पर याद्दाश्त में कमी आ सकती है। परीक्षार्थियों को चाहिए कि वह परीक्षा की तैयारी के लिए फोन का इस्तेमाल कदापि न करें यह उन्हें मानसिक रोगी भी बना सकता है। मेमोरी नियमित अभ्यास से बढ़ती है न कि मोबाइल फोन चलाने से। प्रख्यात मानसिक रोग विशेषज्ञ डा0 एमएन त्रिपाठी का यह सुझाव उनके लिए है जो वर्तमान समय में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय एवं सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा दे रहे हैं। तरुणमित्र प्रेस प्रतिनिधि से संक्षिप्त वार्ता करते हुए बीएचयू के जाने-माने मनो चिकित्सक डा0 त्रिपाठी ने आगे कहा कि परीक्षा के समय छात्र-छात्राएं प्राय: सिर दर्द एवं नींद की समस्या से परेशान हो जाते हैं। वह चिकित्सक के पास तब पहुंचते है जब उनकी बीमारी भयावह रूप ले लेती है। परीक्षा की तैयारी मोबाइल से कत्तई नहीं करनी चाहिए। इससे दिमाग में बदलाव आता है और जिस चैप्टर की तैयारी रहती है वह भी भूल जाता है। परीक्षा की तैयारी अच्छे लेखकों की किताबों से होती है। मोबाइल फोन से परीक्षा की तैयारी मात्र एक वहम है। उन्होंने आगे कहा कि परीक्षा में तनाव महसूस करने से परीक्षार्थियों को जो याद रहता है वह दिमाग से गायब हो जाता है। ऐसे समय में सबसे ज्यादा जरूरी है कि वह दिन में थोड़ा समय निकालकर लंबी गहरी सांसे लेकर पेट अंदर करें और धीरे से सांस छोड़ते समय रीलैक्स बोलें। इस व्यायाम से दिमाग को आराम मिलता है। दिन में दो बार पांच मिनट के लिए ऐसा करना चाहिए। नींद की आदत को ज्यादा ऊपर नींचे न कर यह समझने की कोशिश करनी चाहिए कि शरीर को कितने घंटे नींद की जरूरत है। अगर उससे कम नींद मिले तो ऐसा होगा कि बिना पेट्रोल कार चलाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे मरीज को सोने से पूर्व चाय, काफी या एल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए। बेड का प्रयोग सिर्फ सोने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए न कि उस पर खाना खाने और पढ़ाई करने के लिए। उन्होंने परीक्षार्थियों को सलाह दिया कि वह जब भी सोने जाए तो दिमाग में नकारात्मक बिचार न लें। जितने बचे हुए काम है वह एक पेपर या लिस्ट में लिख लें। आस-पास का माहौल सोने लायक होना चाहिए। अच्छी नींद के लिए कमरे का तापमान और बिस्तर आरामदायक होना चाहिए। बुरी नींद ज्यादा नुकसान पहुंचाती है इससे सिरदर्द और चिड़चिड़ापन रहता है। शरीर को अच्छी नींदके साथ संतुलित भोजन भी जरूरी है। खाली पेट पढ़ाई नहीं होती। सुबह का नाश्ता भारी जबकि रात का खाना हल्का होना चाहिए। पढ़ाई करते समय हल्का, फुल्का स्नैक्स या फल खाया जा सकता है परन्तु चाय और काफी भूलकर भी नहीं पीना चाहिए। डा0 त्रिपाठी ने व्यायाम पर बल देते हुए कहा कि आधे घंटे रोज की व्यायाम से तनाव में आराम मिल सकता है। व्यायाम के साथ हल्का संगीत भी सुना जा सकता है क्योंकि यह दिमाग को आराम देता है। मेमोरी बढ़ाने के लिए जो भी चीजें याद करनी है उनका नियमित अभ्यास करना चाहिए। रटने से नहीं बल्कि समझकर पढऩे से ज्यादा याद होता है। मुश्किल चीजों को डायग्राम बनाकर पढऩा चाहिए। उदाहरण के लिए इतिहास, नागरिक शास्त्र, भूगोल जैसे विषयों को चित्र बनाकर समझना ज्यादा लाभकारी होता है। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण चीजों को अन्डरलाइन और महत्वपूर्ण शब्दों को किनारे लिखना चाहिए। ताकि परीक्षा के समय पूरा पैराग्राफ पढऩे की जरूरत न पड़े। उन्होंने कहा कि अगर परीक्षार्थी अपनी घबराहट को नियंत्रित करते हुए नकारात्मक विचारों से दूर रहे तो निश्चित रूप से सफलता उसकी कदम चूमेगी।

Posted by : shriprakash verma//9452768586

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