मध्यान्ह् भोजन योजना के रसोइयों का मानदेय बढ़ाकर 1500 रु0 प्रतिमाह की घोषणा | Alienture हिन्दी

Breaking

Post Top Ad

X

Post Top Ad

Recommended Post Slide Out For Blogger

Thursday, 7 March 2019

मध्यान्ह् भोजन योजना के रसोइयों का मानदेय बढ़ाकर 1500 रु0 प्रतिमाह की घोषणा

कार्य सन्तोषजनक होने पर दोबारा चयन प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा : मुख्यमंत्री

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को लोक भवन में मध्यान्ह् भोजन योजना के तहत प्रदेश के समस्त जनपदों में कार्यरत ‘रसोइयों के सम्मेलन’ को सम्बोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने रसोइयों के मानदेय को 1000 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए प्रतिमाह करने की घोषणा की। यह राशि सीधे लाभार्थी के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से भेजी जाएगी। उन्होंने रसोइयों को एप्रन और ग्लव्स वितरित किए। प्रदेश की सभी रसोइयों को एप्रन और ग्लव्स उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन रसोइयों को ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना’ का भी लाभ दिलाया जाए। उन्होंने इन रसोइयों की चयन प्रक्रिया को सरल बनाने के दृष्टिगत घोषणा की कि जिन रसोइयों का कार्य सन्तोषजनक है, उन्हें दोबारा चयन प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। अच्छा कार्य करने वाली रसोइयों का स्वतः नवीनीकरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 1 लाख 68 हजार से अधिक विद्यालय हैं। जिसमें कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 1 करोड़ 76 लाख से अधिक है। उन सभी बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को देखते हुए उन्हें उत्तम भोजन प्राप्त हो सके, उस दृष्टि से मिड-डे-मील एक बहुत बड़ी योजना है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग ने ‘मां’ समूह बनाकर इस योजना को और भावनात्मक टच देने के कार्य किया है। जिसकी वजह से रसोइयों का महत्व काफी बढ़ जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत साढ़े चार वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में आम जन के जीवन में परिवर्तन लाने वाले बहुत से कार्य हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज केन्द्र और प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है। गरीब, किसान, नौजवान, मजदूर और समाज के सभी वर्गों तक बिना भेदभाव के शासन की जनकल्याणकारी योजनाएं पहुंच रही हैं।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल ने कहा कि मध्यान्ह् भोजन योजना से आच्छादित विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के छात्र एवं छात्राओं को पौष्टिक एवं गुणवत्तापरक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। मध्यान्ह् भोजन योजना के अंतर्गत प्रदेश में करीब चार लाख रसोइये कार्यरत हैं, जिनमें से अधिकतर महिलाएं हैं। प्रदेश में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में संचालित मध्यान्ह् भोजन योजना का अनुश्रवण करने के लिए एक मां समिति का भी गठन किया गया है, जो बच्चों को ठीक से भोजन उपलब्ध कराना सुनिश्चित कर रही है।

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad