Bewafa Sanam Shayari | Hindi | WhatsApp | Images | Latest
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न पूछ मेरे सब्र की इन्तहां कहाँ तक है
तू सितम कर ले तेरी हसरत जहाँ तक है
वफ़ा की उम्मीद जिन्हें होगी उन्हें होगी
हमे तो देखना है तू बेवफा कहाँ तक है
Bewafa Sanam Shayari
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कैसे मिलेंगे हमें चाहने वाले बताइये
दुनिया खड़ी है राह में दीवार की तरह
वो बेवफ़ाई करके भी शर्मिंदा ना हुए
सजाएं मिली हमें गुनहगार की तरह
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वो निकल गए मेरे रास्ते से इस कदर कि
जैसे कि वो मुझे पहचानते ही नहीं
कितने ज़ख्म खाए हैं मेरे इस दिल ने
फिर भी हम उस बेवफ़ा को बेवफ़ा मानते ही नहीं
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इंसान के कंधो पर इंसान जा रहा था
कफ़न में लिपटा हुआ अरमान जा रहा था
जिसे भी मिली बेवफाई मोहब्बत में
वफ़ा कि तलाश में श्मशान जा रहा था
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अगर दुनिया में जीने की चाहत न होती
तो खुदा ने मोहब्बत बनायी न होती
इस तरह लोग मरने की आरजू न करते
अगर मोहब्बत में किसी की बेवफाई न होती
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उसके चेहरे पर इस कदर नूर था
कि उसकी याद में रोना भी मंज़ूर था
बेवफ़ा भी नहीं कह सकते उसको ‘फराज़’
प्यार तो हमने किया है वो तो बेक़सूर था
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नज़र नज़र से मिलेगी तो सर झुका लेंगे
वो बेवफा है मेरा इम्तहान क्या लेगा
उसे चिराग जलाने को मत कह देना
वो ना समझ है कहीं उँगलियाँ जला लेगा
Bewafa Sanam Shayari In Hindi
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हर पल कुछ सोचते रहने की आदत हो गयी है
हर आहट पे चौंक जाने की आदत हो गयी है
तेरे इश्क़ में ऐ बेवफा, हिज्र की रातों के संग
हमको भी जागते रहने की आदत हो गयी है
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तुझे है मशक़-ए-सितम का मलाल वैसे ही
हमारी जान है जान पर बबाल वैसे ही
चला था जिक्र जमाने की बेवफ़ाई का
तो आ गया है तुम्हारा ख्याल वैसे ही
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जानते थे कि नहीं हो सकते कभी तुम हमारे
फिर भी खुदा से तुम्हें माँगने की आदत हो गयी
पैमाने वफ़ा क्या है, हमें क्या मालूम
कि बेवफाओं से दिल लगाने की आदत हो गयी
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कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी
कभी याद आकर उनकी जुदाई मार गयी
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने
आखिर में उसकी बेवफाई मार गयी
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हर धड़कन में एक राज़ होता है
बात को बताने का भी एक अंदाज़ होता है
जब तक ना लगे ठोकर बेवाफ़ाई की
हर किसी को अपने प्यार पर नाज़ होता है
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नसीब बन कर कोई ज़िन्दगी में आता है
फिर ख्वाब बन कर आँखों में समा जाता है
यकीन दिलाता है कि वो हमारा ही है
फिर ना जाने क्यों वक़्त के साथ बदल जाता है
Bewafa Sanam Shayari For WhatsApp
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जाने मेरी आँखों से कितने आँसू बह गए
इंसानो की इस भीड़ में देखो हम तनहा रह गए
करते थे जो कभी अपनी वफ़ा की बातें
आज वही सनम हमें बेवफ़ा कह गए
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वो पानी की लहरों पे क्या लिख रहा था
खुदा जाने हरफ-ऐ-दुआ लिख रहा था
महोब्बत में मिली थी बेवफाई उसे भी शायद
इसलिए हर शख्स को शायद बेवफा लिख रहा था
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तेरी चौखट से सर उठाऊँ तो बेवफा कहना
तेरे सिवा किसी और को चाहूँ तो बेवफा कहना
मेरी बफाओं पे शक है तो खंजर उठा लेना
मै शौक से ना मर जाऊं तो बेवफा कहना
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आप बेवफा होंगे कभी सोचा ही नहीं था
आप कभी खफा होंगे सोचा ही नहीं था
जो गीत लिखे हमने कभी तेरे प्यार पर
तेरे वही गीत रुस्वा होंगे सोचा ही नहीं था
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ना जाने क्या सोच कर लहरें साहिल से टकराती हैं
और फिर समंदर में लौट जाती हैं
समझ नहीं आता कि किनारों से बेवफाई करती हैं
या फिर लौट कर समंदर से वफ़ा निभाती हैं
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बेवफाई उसके दिल से मिटा के आया हूँ
ख़त भी उसके पानी में बहा के आया हूँ
कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को
इसलिए पानी में भी आग लगा कर आया हूँ
Bewafa Sanam Shayari For Facebook
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मेरा इल्ज़ाम है तुझ पर कि तू बेवफा था
दोष तो तेरा था मगर तू हमेशा ही खफा था
ज़िन्दगी की इस किताब में बयान है तेरी मेरी कहानी
यादों से सराबोर उसका एक एक सफा था
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जानकार भी तुम मुझे जान ना पाए
आजतक तुम मुझे पहचान ना पाए
खुद ही की है बेवाफाई तुमने हमसे
ताकि तुम पर इल्ज़ाम ना आए
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एक बार रोये तो रोते चले गए
दामन अश्कों से भिगोते चले गए
जब जाम मिला बेवफाई का तो
खुद को पैमाने में डुबोते चले गए
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दर्द ही सही मेरे इश्क़ का इनाम तो आया
खाली ही सही होठों तक जाम तो आया
मैं हूँ बेवफा सबको बताया उसने
यूँ ही सही चलो उसके लबों पर मेरा नाम तो आया
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फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने
उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने
वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी
समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने
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कोई भी नहीं यहाँ पर अपना होता
इस दुनिया ने ये सिखाया है हमको
उसकी बेवफाई का ना चर्चा करना
आज दिल ने ये समझाया है हमको
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मेरे कलम से लफ्ज़ खो गए शायद
आज वो भी बेवफा हो गाए शायद
जब नींद खुली तो पलकों में पानी था
मेरे ख्वाब मुझपे रो गाए शायद
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प्यार में बेवाफाई मिले तो गम न करना
अपनी आँखे किसी के लिए नम न करना
वो चाहे लाख नफरते करें तुमसे
पर तुम प्यार कभी उसके लिए कम न करना
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मैंने भी किसी से प्यार किया था
उनकी रहो में इंतजार किया था
हमें क्या पता वो भूल जाएंगे हमें
कसूर उनका नहीं मेरा ही था
जो एक बेवफा से प्यार किया था
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खो गई मेरी मोहब्बत
बेवफाई के दलदल में
मगर इन आँखों को अब भी
वफ़ा की तलाश है
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ये बेवफा, वफा की कीमत क्या जाने
ये बेवफा गम-ए-मोहब्बत क्या जाने
जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने
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हमनें अपनी साँसों पर उनका नाम लिख लिया
नहीं जानते थे कि हमनें कुछ गलत किया
वो प्यार का वादा करके हमसे मुकर गए
ख़ैर उनकी बेवाफाई से हमनें कुछ तो सबक लिया
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कभी जो हम से प्यार बेशुमार करते थे
कभी जो हम पर जान निसार करते थे
भरी महफ़िल में हमको बेवफा कहते हैं
जो खुद से ज़्यादा हमपर ऐतबार करते थे
Latest Bewafa Sanam Shayari
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शायरी नहीं आती मुझे बस हाले दिल सुना रही हूँ
बेवफ़ाई का इलज़ाम है, मुझपर फिर भी गुनगुना रही हूँ
क़त्ल करने वाले ने कातिल भी हमें ही बना दिया
खफ़ा नहीं उससे फिर भी मैं बस, उसका दामन बचा रही हूँ
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इल्जाम न दे मुझको तूने ही सिखाई बेवफाई है
देकर के धोखा मुझे मुझको दी रुसवाई है
मोहब्बत में दिया जो तूने वही अब तू पाएगी
पछताना छोड़ दे तू भी औरों से धोखा खायेगी
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किस-किस को तू खुदा बनाएगी
किस-किस की तू हसरतें मिटाएगी
कितने ही परदे डाल ले गुनाहों पे
बेवफा तू बेवफा ही नजर आएगी
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एक बेवफा से प्यार का अंजाम देख लो
मैं खुद ही शर्मशार हूँ उससे गिला नहीं
अब कह रहे हैं मेरे जनाज़े पे बैठ कर
यूँ चुप हो जैसे हमसे कोई वास्ता नहीं
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मजबूरी में जब कोई जुदा होता है
जरुरी नहीं की वो बेवफा होता है
दे कर वो आपकी आँखों में आँसू
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता है
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चलो खेलें वही बाजी
जो पुराना खेल है तेरा
तू फिर से बेवफाई करना
मैं फिर आँसू बहाऊंगा।
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मुझे उसके आँचल का आशियाना न मिला
उसकी ज़ुल्फ़ों की छाँव का ठिकाना न मिला
कह दिया उसने मुझको ही बेवफा
मुझे छोड़ने के लिए कोई बहाना न मिला
Bewafa Sanam Shayari Witn Images
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कैसे मिलेंगे हमें चाहने वाले बताइये
दुनिया खड़ी है राह में दीवार की तरह
वो बेवफ़ाई करके भी शर्मिंदा ना हुए
सजाएं मिली हमें गुनहगार की तरह
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जल-जल के दिल मेरा जलन से जल रहा
एक अश्क मेरे आँख में मुद्दत से पल रहा
जिसका मैं कर रहा हूँ घुट-घुट के इंतजार
वो बेवफा ना आई मेरा दम निकल रहा
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तेरे इश्क़ ने दिया सुकून इतना
कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे
तुझे करनी है बेवफाई तो इस अदा से कर
कि तेरे बाद कोई बेवफ़ा न लगे
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ऐ बेवफा तेरी बेवफ़ाई में दिल बेकरार ना करूँ
अगर तू कह दे तो तेरा इंतेज़ार ही ना करूँ
तू बेवफा है तो कुछ इस कदर बेवफ़ाई कर
कि तेरे बाद मैं किसी से प्यार ही ना करूँ
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मैंने कुछ इस तरह से खुद को संभाला है
तुझे भुलाने को दुनिया का भरम पाला है
अब किसी से मुहब्बत मैं कर नहीं पाता
इसी सांचे में एक बेवफा ने मुझे ढाला है
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बेवफा तो वो खुद हैं
पर इल्ज़ाम किसी और को देते हैं
पहले नाम था मेरा उनके लबों पर
अब वो नाम किसी और का लेते हैं
Bewafa Sanam Shayari Collections
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आग दिल में लगी जब वो खफा हुए
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए
करके वफ़ा कुछ दे न सके वो हमे
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफा हुए
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सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं
दूर है वो मुझसे पर मैं उससे ख़फ़ा नहीं
मालूम है कि वो अब भी प्यार करता है मुझसे
वो थोड़ा सा ज़िद्दी है मगर बेवफ़ा नहीं
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जनाजा मेरा उठ रहा था
फिर भी तकलीफ थी उसे आने में
बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी
और कितनी देर है दफनाने में
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वो पानी की लहरों पे क्या लिख रहा था
खुदा जाने हरफ-ऐ-दुआ लिख रहा था
मोहब्बत में मिली थी बेवफाई उसे भी शायद
इसलिए हर शख्स को शायद बेवफा लिख रहा था
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हमने चाहा था जिसे उसे दिल से भुलाया न गया
जख्म अपने दिल का लोगों से छुपाया न गया
बेवफाई के बाद भी प्यार करता है दिल उनसे
कि बेवफाई का इल्ज़ाम भी उस पर लगाया न गया
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एक ख़ुशी की चाह में हर ख़ुशी से दूर हुए हम
किसी से कुछ कह भी ना सके इतने मज़बूर हुए हम
ना आई उन्हें निभानी वफ़ा इस दौर-ए-इश्क़ में
और ज़माने की नज़र में बेवफ़ा के नाम से मशहूर हुए हम
Bewafa Sanam Shayari
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आपकी नशीली यादों में डूबकर
हमने इश्क की गहराई को समझा
आप तो दे रहे थे धोखा और
हमने जानकर भी कभी आपको बेवफा न समझा
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किसी की खातिर मोहब्बत की इन्तेहाँ कर दो
लेकिन इतना भी नहीं कि उसको खुदा कर दो
मत चाहो किसी को टूट कर इस कदर इतना
कि अपनी वफाओं से उसको बेवफा कर दो
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टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी
मेरी साँसों ने हर पल उसकी ख़ुशी मांगी
न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से
कि मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांगी
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कौन सी स्याही और
कौन सी कलम से लिखता होगा
जब वो किसी के नसीब
में एक बेवफा लिखता होगा
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आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हो गए
महसूस हुआ तब जब वो जुदा हो गए
कर के वफ़ा कुछ दे ना सके वो हमें
पर बहुत कुछ दे गए जब बेवफ़ा हो गए
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ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक है
तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक है
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी
हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक है
Bewafa Sanam Shayari
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बेवफाई का मौसम भी
अब यहाँ आने लगा है
वो फिर से किसी और को
देख कर मुस्कुराने लगा है
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वफ़ा के नाम से मेरे सनम अनजान थे
किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला…
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे
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नज़र नज़र से मिलेगी तो सर झुका लेंगे
वो बेवफा है मेरा इम्तहान क्या लेगा
उसे चिराग जलाने को मत कह देना
वो ना समझ है कहीं उँगलियाँ जला लेगा
*****
तेरी चौखट से सिर उठाऊं तो बेवफा कहना
तेरे सिवा किसी और को चाहूँ तो बेवफा कहना
मेरी वफाओं पे शक है तो खंजर उठा लेना
मैं शौक से मर ना जाऊं तो बेवफा कहना
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मेरी तलाश का है जुर्म
या मेरी वफा का क़सूर
जो दिल के करीब आया
वही बेवफा निकला
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रात की गहराई आँखों में उतर आई
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई
ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के
कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई
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कैसी अजीब तुझसे यह जुदाई थी
कि तुझे अलविदा भी ना कह सका
तेरी सादगी में इतना फरेब था
कि तुझे बेवफा भी ना कह सका
Bewafa Sanam Shayari In Hindi
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