कार्यवाही के लिए भेजा पत्र
हरदोई- धोखा धड़ी कर नाजायज कब्जा किए जाने संबंधी शिकायती पत्र, मुख्यमंत्री को संबोधित, नुमाइश पुरवा, सुभाष नगर थाना कोतवाली शहर हरदोई निवासी मोहम्मद नईम अली ने भेजा है।मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र मोहल्ला सुभाष नगर नुमाइश पूरवा निवासी मोहम्मद नईम अली ने बताया है कि नुमाइश पुरवा सुभाष नगर थाना कोतवाली शहर हरदोई में स्थित भूखंड संख्या 779 मी 780 मी के आंशिक भाग एरिया 40 गुणा 60 वर्ग फिट श्रीमती ममता बाजपेई पत्नी श्रीश चंद्र बाजपेई निवासी 568 सुभाष नगर हरदोई को दिनांक 24 फरवरी 2012 को विक्रय पत्र निष्पादित कर बेचा था। जब विपक्षी ने भूमि पर निर्माण कार्य शुरू किया तो नगरपालिका ने हस्तक्षेप किया।विपक्षी ने माननीय न्यायालय श्रीमान सिविल जज सीनियर डिविजन महोदय के यहां सामिलात मुकदमा संख्या 207/12 को आदेश पारित होने के बाद भी विपक्षी निर्माण कार्य नहीं करवा सकीं। नगर पालिका से विवाद होने के कारण प्रार्थी को पुनः बेचने का आग्रह किया। प्रार्थी ने नगर पालिका व नक्शा विभाग से मानचित्र स्वीकृत कराकर माननीय न्यायालय के आदेश के अनुसार, लगभग 10 फुट की दीवार व कमरा बनवा कर पूरे परिवार के साथ रह रहा है। विपक्षी ने प्रार्थी को उक्त भूमि की वापसी बैनामा के जरिए करने हेतु विक्रय अनुबंध पत्र दिनांक 22 जुलाई 2018 को निष्पादित किया, जिसमें कुल विक्रय मूल्य 6,50,000 रु प्राप्त करके रजिस्ट्री करने का विपक्षी ने वादा किया और 4,50,000 रु की अग्रिम राशि 09 सिंतबर 2018 को मुझसे प्राप्त कर लिए। इसके बाद से लगातार मै शेष धनराशि 2,00,000 रु देकर बैनामा करने के लिए लगातार संपर्क कर रहा हूं लेकिन अब उनकी नियत बदल गई है। उक्त विपक्षी जालसाजी धोखाधड़ी करके प्रार्थी का नकद 4,50,000 रु तथा बनी हुई दीवार की लागत, मुकदमे में खर्च रुपए ना देने की नियत से उन्होंने बैनामा करने से मना कर दिया और माननीय न्यायालय के बिना किसी आदेश से बने हुए निर्माण को दिनांक 03 मार्च 2019 को विपक्षी तथा उनके पति 2 देवर व चार अन्य लोगों ने जेसीबी मशीन की मदद से उक्त भूमि के निर्माण का आधा हिस्सा ढहा दिया ,जिसे पूरे मोहल्ले ने देखा और भूमि कब्जा कर ली।प्रार्थी के परिवार को गली गलौज कर जान से मारने, अपहरण,फर्जी मुकदमों में फसाने की धमकी दी। विपक्षी का परिवार दबंग,शातिर,व अपराधिक प्रवत्ति के लोग है। इस प्रकरण की शिकायत स्थानीय पुलिस से की किंतु कोई न्याय नहीं मिला। मामले की निष्पक्ष जांच करा कर प्रार्थी को न्याय दिलाने की मांग की गई है।
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