बैंकों से करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश ,इनामी सरगना चढ़ा हत्थे | Alienture हिन्दी

Breaking

Post Top Ad

X

Post Top Ad

Recommended Post Slide Out For Blogger

Sunday 17 March 2019

बैंकों से करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश ,इनामी सरगना चढ़ा हत्थे

  • एसटीएफ ने सरगना को गौतमबुद्धनगर से दबोचा 
लखनऊ।  एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स ) ने बैंकों से कार लोन के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर वांछित 25 हजार के इनामिया सरगना को गौतमबुद्धनगर से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आरोपित के कब्जे से एक लैपटॉप एप्पल, घड़ी ब्रांड वेटले, पैन मोंट ब्लैक ,दो चैक बुक व कार महेन्द्रा एक्सयूवी (डीएल-12सीए/5535) बरामद हुई है। आरोतिपत के खिलाफ विधिक कार्रवाई कर उसके साथियों के बारे में पूछताछ की जा रही है।
एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि विभिन्न बैंको से धोखाधड़ी करके बडे  आर्थिक नुकसान कराने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचनाएं मिल रही है। इस संबंध में एक टीम को मामले की जांच-पड़ताल के लिए लगाया गया था। इसी दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि जनपद आगरा में दर्ज धोधाधड़ी के कई मुकदमे में वांछित  रजत कुलश्रेष्ठ सेक्टर 78 नोएडा स्थित अंतरिक्ष सोसायटी के मकान में रह रहा है, जो कहीं जाने की तैयारी में  है। इस सूचना पर एसटीएफ ने  स्थानीय पुलिस के साथ घेराबंदी कर अभियुक्त रजत को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित ने अपना नाम व पता रजत कुलश्रेष्ठ पुत्र अम्बरिश कुलश्रेष्ठ निवासी 71 एमजी रोड अपोजिट सुभाष 3/6 बी वर्धमान हाउस, आगरा हाल पता-एच 1004 अन्तरिक्ष गोल्फ  नोएडा, जनपद गौतमबुद्धनगर बताया है। एसटीएफ की टीम ने बताया कि आगरा क े विभिन्न थानों में धोखाधड़ी के आधा दर्जन से अधिक अभियोग रजत कुलश्रेष्ठ  एवं उसके गैंग के लोगों के विरूद्ध पंजीकृत हैं। थाना न्यू आगरा  में रजत कुलश्र ेष्ठ की गिरफ्तारी पर पर 25 हजार का का इनाम घोषित किया गया था।
12 वीं पास सरगना गैंग बनाकर करोड़ों ठगे
गिरफ्तार  अभियुक्त 34 वर्षीय रजत कुलश्रेष्ठ  ने पूछताछ पर बताया कि वह 12वीं पास है। पढ़ाई करने के  बाद उसने आगरा म ें संजय पैलेस के पास एसार इंटरप्राइजेज के नाम से हैण्डी क्राफ्ट का काम शुरू किया। हैण्डी क्राफ्ट का काम अच्छा चल जाने पर उसने अपने यहां मयंक अग्रवाल निवासी कमला नगर आगरा को एकाउण्टेन्ट के पद पर रखा। इसके बाद बैंकों में काम करने कुछ अधिकारियों के सम्पर्क में आया।  वहीं मयंक अग्रवाल ने रजत कुलश्रेष्ठ का परिचय कुछ बैंक अधिकारियों से कराया, जहां से उसने बैंकों से कार लोन पास कराने की प्रक्रिया को बारीकी से समझा। उसके उपरान्त वाहनों का लोन कराने के नाम पर विभिन्न बैंकों से धोखाधड़ी करके बैंकों से पैसा निकालने काम संगठित गिरोह बना कर शुरू कर दिया। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वर्ष 2013 से 2016 के मध्य आगरा के विभिन्न बैंकों से 61 से अधिक कारों पर फर्जी लोन कराकर जेआर आटोमोटिव कम्पनी के एकाउण्ट के माध्यम से पैसे निकाल लिए गये, जिससे लगभग 8 करोड़ रूपये से ऊपर का नुकसान कई बैंकों को उठाना पड़ा।
फर्जी कम्पनियां के माध्यम से कराता था बैंक लोन
रजत कुलश्रेष्ठ  ने पूछताछ पर बताया कि उसका पुराना परिचित मोहित जैन निवासी शाहगंज, आगरा,जो कि गाड़ियों के  इन्श्योरेन्स का काम करता था। उसे गैंग में शामिल कर लिया। इसके बाद रजत ने जेआर आॅटोमोटिव नोएडा, सीपी मर्केट, अंसल प्लाजा तुगलकपुर रोड, ग्रेटर नोएडा, गौतमबुद्धनगर के नाम से एक कम्पनी बनाई, जो कि कागजों पर नई गाडियां बेचने का काम करती थी। इस कम्पनी का सिग्नेट्री आॅथोरिटी मोहित जैन था तथा इस कम्पनी का एचडीएफसी बैंक में खाता खोला गया। मोहित जैन के बैंक आॅफ इण्डिया, कमलानगर एवं बैंक आॅफ इण्डिया टाज्न्स यमुना, आगरा में भी खाते होने की जानकारी दी गई, जहां पर यह बाद मेंं डिफाल्टर हो चुका था और इस फर्जी कम्पनी का बाकायदा वेबसाइट बनाया गया और फोन कनेक्टीविटी दी गई और बैंकों को रिप्लाई करने के  लिए स्टाफ रखा गया। उसके बाद उसने  अपनी कम्पनी के विभिन्न एम्प्लोई एवं जान-पहचान के लोगों के नाम पर विभिन्न बैंकों में कार लोन एप्लाई करना शुरू किये और इन लोन्स के सम्बन्ध में इसी फर्जी जेआर आॅटोमोटिव कम्पनी के फर्जी कुटेशन और गाड़ियां खरीदने के बिल बैंकों में जमा कराया जाता। इतना ही नहीं पूछताछ में आरोपित रजत ने बताया कि  लोन कराई गई फर्जी गाड़ियों की कूटरचित आरसी, पेय-स्लिप इत्यादि भी बैंकों में जमा करायी जाती थी। इसके अलावा लोन करने वाले बैंकों के द्वारा मेल अथवा फोन पर जेआर आॅटामोटिव से जो भी क्वेरी की जाती थी, उसका जवाब भी उचित तरीके  से भेजा जाता था ताकि किसी को कोई शक न हो।

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad