नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर सभी उम्मीदवार अपने संसदीय क्षेत्रों का दिन-रात दौरा कर रहे हैं और अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश में हैं। इसी क्रम में ओडिशा के पुरी से भारतीय जनता पार्टी से उम्मीदवार और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा लोगों से मिल रहे हैं और गरीबों के घर खाना खाकर यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि भाजपा उनके लिए सबसे बेहतर विकल्प है। मगर संबित पात्रा जिन वीडियो के जरिए अपने चुनावी अभियान की झलक लोगों को बता रहे हैं, उससे खुद मोदी सरकार की सबसे बड़ी योजना की पोल खुलती दिख रही है। संबित पात्रा ने जो वीडियो शेयर किये हैं, वे मोदी सरकार की योजना उज्ज्वला योजना की सफलता पर सवाल खड़े कर रहे हैं और असली तस्वीर भी दिखा रहे हैं।
यह मेरा अपना परिवार है, माँ ने खाना बनाकर खिलाया। मैंने अपने हाथों से इन्हें खाना खिलाया और मैं यह मानता हूँ कि इनकी सेवा ही ईश्वर की सबसे बड़ी पूजा है। [2/2]@BJP4India #PhirEkBaarModiSarkar pic.twitter.com/E6ABMFj10w
— Chowkidar Sambit Patra (@sambitswaraj) March 31, 2019
भारतीय जनता पार्टी ने ओडिशा की पुरी सीट से पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को मैदान में उतारा है। पुरी में जीत सुनिश्चित करने के लिए संबित पात्रा कभी भगवान जगन्नाथ की मूर्ति हाथ में रखकर नामांकन दाखिल करते हैं तो कभी गरीबों के घर जाकर उनके यहां भोजन ग्रहण कर खुद को गरीबों का हितैषी बता रहे हैं। मगर संबित पात्रा के वीडियो से उज्ज्वला योजना पर सवाल उठते हैं कि आखिर इन गरीबों का गैस सिलेंडर कहां है, क्या सरकार ने इन्हें दिया या फिर कुछ और ही है इस योजना की जमीनी हकीकत?
रविवार को संबित पात्रा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो जारी किया और लिखा- पुरी के एक छोटे से गांव में में रहने वाली एक बूढ़ी विधवा मां, उसकी तीन बेटियां, जिनमें 2 दिव्यांग व बेटा मजदूरी करता है। ऐसी मां का घर बनाने का काम नरेंद्र मोदी ने किया है’ संबित पात्रा अपने इस ट्वीट से यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि इस गरीब महिला का घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बना है। मगर इस दौरान वह यहह ध्यान नहीं रखपाते कि जिनके यहां वह भोजन कर रहे हैं, वहां वीडियो में दिख रहा है कि खाना चूल्हे पर पका है न कि गैस सिलेंडर पर।
वीडियो में संबित पात्रा सफेत कपड़े में दिख रहे हैं, जिसके ऊपर एक गेरुआ वस्त्र है और वह जमीन पर बैठकर भोजन ग्रहण कर रहे हैं. उनके बगल में ही एक बुढ़ी महिला है, जो चूल्हे पर खाना पका रही है। संबित इस दौरान खुद भी खाना खा रहे हैं और महिला को भी खिला रहे हैं। संबित पात्रा ने एक और वीडियो डाला और लिखा- ‘यह मेरा अपना परिवार है, मां ने खाना बनाकर खिलाया। मैंने अपने हाथों से इन्हें खाना खिलाया और मैं यह मानता हूं कि इनकी सेवा ही ईश्वर की सबसे बड़ी पूजा है।
दरअसल, इस वीडियो के सामने आने के बाद यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर उज्जवला योजना के तहत इन गरीबों को गैस सिलेंडर क्यों नहीं मिले और अगर मिले भी तो उसका इंप्लीमेंटेशन का क्या हुआ। क्योंकि हर चुनावी रैलियों में मोदी सरकार इस योजना को फायदे के रूप में भुनाने की कोशिश करती है। इतना ही नहीं, यह वीडियो ओडिशा से आई है इसलिए सवाल उठाना और भी ज्यादा अहम हो जाता है क्योंकि अभी पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस के राज्य मंत्री धर्मेंद्र प्रधान हैं और वह ओडिशा से ही राज्यसभा सांसद हैं।
क्या है उज्ज्वला योजना: मोदी सरकार की जिन योजनाओं की सबसे ज़्यादा चर्चा हुईं, उनमें से एक उज्ज्वला योजना भी है। मोदी सरकार का दावा है कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से कमजोर वर्ग के परिवारों खासकर महिलाओं को बहुत राहत मिली है। इसे 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में लॉन्च किया गया था। PMUY के तहत सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को घरेलू रसोई गैस (एलपीजी गैस) का कनेक्शन देती है।
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