लखनऊ। राजधानी के किंग जार्ज चिकित्साविश्वविद्यालय केजीएमयू में घोटालों का दौर बहुत पहले से ही होता रहा है वहीं एक नए घोटाले से हड़कम्प मचा हुआ है। ट्रॉमा सेंटर के पास शौचालय निर्माण में पुरानी ईंटों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि वहां से प्रतिदिन कई अधिकारी और मंत्री गुजरते हैं लेकिन अभी तक इसको लेकर तनिक भी पूछने की कोशिश नहीं कि ये क्या हो रहा है।
यह है मामला
स्वच्छ भारत अभियान के तहत ट्रॉमा सेंटर के निकट शताब्दी फेज-2 परिसर में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें छह बाथरूम व शौचालय बनाए जा रहे हैं। द्विव्यांगजन के लिए अलग से शौचालय बनाया जा रहा है। बीते कई दिनों से शौचालय का निर्माण कार्य चल रहा है। मरीज व तीमारदारों की सहूलियतों के लिए शौचालय निर्माण के लिए सरकार ने लाखों रुपये के बजट का प्रावधान किया। इसके बावजूद इंजीनियर और ठेकेदार ने गठजोड़ कर पुरानी ईंटों से निर्माण करा डाला। इससे निर्माण की गुणवत्ता सवालों के घेरे में आ गई है। शिकायत के बावजूद अधिकारी निर्माण घोटाले पर रोक नहीं लगा पा रहे हैं।
ठेकेदार ने दिखावे के लिए ट्रॉमा गेट की तरफ नई ईंटें रखवा दिए है। इसके बावजूद उनका इस्तेमाल निर्माण कार्य में नहीं किया जा रहा है। पुरानी ईंटे ही खपाई जा रही है। ईंट जोडऩे में इस्तेमाल सामान की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
डॉ. सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू
शौचालय निर्माण में पुरानी ईंट का इस्तेमाल की जानकारी नहीं है। मामला गंभीर है। इसकी जांच कराई जाएगी। आखिर किन परिस्थितियों में पुरानी ईंटों का प्रयोग किया इसकी जांच होगी।
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