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Sunday, 10 March 2019

क्या है लखनऊ में पुलिसकर्मियों द्वारा डाली गई डकैती की पूरी हकीकत……

राहुल सिंह यादव की रिर्पोट
लखनऊ। गोसाईगंज अधिकतर सुनने में आता है कि बदमाशों ने बैंक लूटा लिया चोरों ने घर पर धावा बोलकर लूट लिए लाखों रुपए लेकिन आज हम आपको ऐसी घटनाओं से दूर ले चलते हैं।

मामला राजधानी से सटे गोसाईगंज का है जहां पर दिन दहाड़े करोड़ों रुपए की डकैती पड़ गई और डकैती डालने वालों को लोग चुपचाप देखते रहे करोड़ों रुपए की डकैती को किसी बदमाश या लुटेरे गिरोह ने नहीं बल्कि गोसाईगंज थाने का दरोगा आशीष तिवारी व ड्यूटी से गैरहाजिर चल रहा दरोगा पवन मिश्रा काला कोट पेंट पहनकर इंसाफ दिलाने वाला मुखबिर वकील मधुकर मिश्रा व सिपाही प्रदीप भदोरिया और तीन अन्य लोगों ने मिलकर ओमेक्स रेजिडेंसी में कोयला कारोबारी अंकित अग्रहरि के फ्लैट न०104 में छापेमारी के नाम पर करोड़ों रुपए डकैती डाल दी।

सुल्तानपुर निवासी अंकित अग्रहरि कोयले का कारोबार करते हैं कारोबार करने वाले अंकित गोसाईगंज स्थित ओमेक्स रेजिडेंसी में फ्लैट न०104 में किराए पर रहते हैं, इसी जगह को पुलिस वालों ने करोड़पति बनने का रास्ता चुना था और कारोबारी के मुताबिक शनिवार की सुबह करोड़पति बनने का सपना लेकर लुटेरी पुलिस टीम ओमेक्स रेजिडेंसी पहुंची वहां पहुंचने पर गेट पर लगा अलार्म दबाया गेट खोलते ही लक्ष्मी कुबेर के खजाने तक पहुंचने की जल्दबाजी में दरोगा पवन मिश्रा व दरोगा आशीष तिवारी हाथ में रिवाल्वर लेकर टीम ने गेटमैन को अपने कब्जे में लेकर जबरदस्ती अंदर दाखिल हो गए उसके बाद फ्लैट नo 104 के पास पहुंचे वहां पहुंचने पर दरवाजा खटखटाया जैसे ही दरवाजा खुला लुटेरी पुलिस ने चौकीदार को धक्का मारकर पीछे हटा दिया और हाथ में रिवाल्वर लहराते हुए अंदर घुस गए वहां पर मौजूद लोगों को गाली गलौज के साथ डराया धमकाया यहीं नहीं रुके विरोध करने पर मारा पीटा देर ना करते हुए दरोगा पवन मिश्रा व दरोगा आशीष तिवारी ने मधुकर मिश्रा व अन्य लोगों को घर की तलाशी लेने का आदेश दिया

तलाशी के नाम पर पहले से ही खाक तैयार कर चुका मुखबिर मधुकर मिश्रा व उसके साथियों ने तलाशी लेना शुरू किया अंकित अग्रहरि के मुताबिक कुछ ही मिनटों के अंदर बेड के अंदर बक्से में रखे करोड़ों रुपए को तीन बैग में भरकर पवन मिश्रा व आशीष तिवारी ने रुपयों से भरे बैग को बाहर भिजवा दिया डकैती का रोल निभाने वाले दरोगा पवन मिश्रा आशीष तिवारी ने अहिमामऊ चौकी इंचार्ज को फोन कर काला धन मिलने की सूचना दी।

वहीं मामले की जानकारी क्षेत्राधिकारी मोहनलालगंज राजकुमार शुक्ला गोसाईगंज थाना प्रभारी को भी ब्लैक मनी मिलने की जानकारी दी गई मौके पर पहुंचे दोनों अधिकारियों के सामने 500 2000 के नोट गिनना शुरू किया जिसमे 1.53 करोड़ों रुपए निकले बाकी की रकम हड़प ली, जबकि कारोबारी के मुताबिक बक्से में रखें थे 3.38 करोड़।

सूचना मिलते ही उच्च अधिकारियों में मच गया था हड़कंप
मामले की जानकारी जैसे ही एसएसपी कलानिधि नैथानी को मिली व सन्न रह गए करोड़ों रुपए की ब्लैक मनी दरोगा पवन मिश्रा आशीष तिवारी द्वारा पकड़े जाने की जानकारी मिली तो पवन मिश्रा का नाम सुनकर एसएससी साहब दंग रह गए क्योंकि घटना में शामिल पवन मिश्रा ड्यूटी से गैरहाजिर चल रहा था और पवन मिश्रा को एसएसपी ने पुलिस लाइन जाने के लिए अमाद कराने के निर्देश दिए थे।

मंत्री के दखल के बाद एसएसपी ने दर्ज करवाई थी एफ आई आर
सूत्रों के मुताबिक पुलिस महकमा दिन भर लुटेरे पुलिस कर्मियों को बचाने की जद्दोजहद करता रहा लेकिन बाद में कारोबारी अंकित के परिचित मंत्री के दखल के बाद दोनों दरोगा समिति समेत चार अन्य लोगों के खिलाफ मामला गोसाईगंज थाने में धारा 141 ।2019 395 397 में मामला दर्ज किया गया वही दोनों को निलंबित कर सब इंस्पेक्टरों को गिरफ्तार कर लिया गया अन्य अज्ञात फरार चल रहे हैं

हाईकमान ने की कार्रवाई
घटना के दूसरे दिन एसएसपी ने की बड़ी कार्रवाई गोसाईगंज के एस एच ओ अजय त्रिपाठी को हटा दिया गया उनकी जगह पर विजय कुमार सिंह को दिया गया चार्ज।

पहले भी रह चुके विवादों में
घटना में शामिल दोनों एसआई पर पहले भी लग चुके हैं पैसे वसूली के आरोप। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मामूली लड़ाई झगड़े से लेकर वाहनों से वसूली शराब व स्मैक कारोबारियों पैसे वसूले जाते थे इन सब इंस्पेक्टरों की करतूत को पुलिस महकमा जानते हुए भी अनजान बना रहता था।

ऐसे में खाकी पर कैसे किया जाए भरोसा
बैंकों से लगा कर हर सरकारी खजाने पर पुलिस का पहरा रहता है इसलिए की हर चीज महफूज रह सकें एक बैंक कर्मी ने तो यहां तक कह दिया कि बैंकों की सुरक्षा अब भगवान भरोसे ऐसे में अगर सुरक्षा देने वाले पुलिस कर्मी ही लुटेरे बन जाएं तो लोगों का भरोसा किस पर रहेगा इस घटना ने वर्दी का सर एक बार फिर नीचा कर दिया।

मुखबिर को कैसे पता चला इतना पैसा है कारोबारी के पास
जानकार बताते हैं कि गहन जांच पड़ताल की जाए तो और भी नाम आ सकते हैं सामने किसी को समझ नहीं आ रहा कि आखिर वकील यानी मुखबिर मधुकर मिश्रा को यह जानकारी बिल्कुल सटीक कैसे मिलेगी की कारोबारी अंकित अग्रहरि करोड़ों रुपए फ्लैट में रखते हैं। कहीं ऐसा तो नहीं की मधुकर मिश्रा को जानकारी देने वाला अंकित अग्रहरि का बहुत करीबी हो और अंकित के साथ हर वक्त रहता हो क्योंकि यह जानकारी सभी को नहीं हो सकती। सभी आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की जाए तो और भी नामों के हो सकते हैं खुलासे।

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