हरदोई- जिला महिला चिकित्सालय में फिक्स रिश्वत के रेट! | Alienture हिन्दी

Breaking

Post Top Ad

X

Post Top Ad

Recommended Post Slide Out For Blogger

Wednesday, 6 March 2019

हरदोई- जिला महिला चिकित्सालय में फिक्स रिश्वत के रेट!

हरदोई। सरकारी अस्पतालों से गरीबों को बड़ी उम्मीदें होती हैं। सरकार भी ये जानती है इसलिए सरकारी अस्पतालों को और बेहतर बनाने का निरंतर प्रयास होता है, किन्तु हरदोई में जिला महिला चिकित्सालय कहने को भले ही सरकारी हो, पर यहां दवाई, इंजेक्शन से लेकर ऑपरेशन, डिलीवरी व बेडसीट बदलने तक की कीमत चुकानी पड़ती है। इन व्यवस्थाओं का जो विरोध करता है उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। मतलब साफ है कि भले ही यह सरकारी अस्पताल है पर यहां प्राइवेट उपचार है। ऐसे में गरीबों का न सिर्फ आर्थिक दोहन होता है बल्कि उनका मानसिक शोषण भी किया जाता है।
बीते दिनों चिकित्सकों की लापरवाही से एक प्रसूता की मौत का मामला तूल पकड़ा तो पुलिस और मीडिया तक बात पहुंच गयी। किन्तु अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती नही मानी। हरपालपुर के पलिया निवासी प्रसूता लक्ष्मी के पति ने अपने साथ हुई अवैध वसूली का भी खुलासा किया, पर प्रशासन के कानों में उसकी आवाज नही सुनाई दी। नतीजन गरीबों को लूटने का सिलसिला जारी है।यहां सामान्य बच्चा पैदा होने पर 500 रुपये भर्ती के नाम पर, 200 रुपये दो दाई लेती है, जबकि स्टेचर वार्ड तक ले जाने वाला कर्मी 100 रुपये, जिसके बाद बेड सीट बदलने का 20 रुपये व इंजेक्शन लगाने का 20 रुपये फिक्स है। इसके अलावा साधारण ऑपरेशन की रिश्वत रेट 2500 है, आशा बहू के माध्यम से।जबकि सीजर रेट 05 हजार से 07 हजार तक हैं।इस अवैध वसूली की आड़ में आशा बहुएं मरीजों के जमकर चूना लगाती हैं। क्योंकि रिश्वत की मोटी रकम आशा बहू के ही माध्यम से ली जाती है। यह भी पता चला है कि जो पैसे देने से मना करता है या सोर्स लगाता है उसे तुरंत डिस्चार्ज कर दिया जाता है।हमारी पड़ताल में बीते 20 फरवरी से 28 फरवरी तक के ऐसे करीब 10 मामले सामने आए हैं जिन्हें महिला अस्पताल में सभी सुविधाएं होने के बावजूद भी डिस्चार्ज कर दिया गया। अस्पताल से जुड़े लोगों ने कुछ ही दूरी पर स्थित मेडिजोन हॉस्पिटल में भी उन्हें पहुँचा दिया। हैरत वाली बात तो ये है कि सभी 10 मरीज एक ही निजी अस्पताल भेजे गए, जहां सरकारी डॉक्टरों द्वारा ही ऑपरेशन व विभिन्न जांचे किये जाने की बात प्रसूता के परिजन कह रहे हैं। इसके एवज में मेडिजोन अस्पताल ने उनसे 40 से 50 हजार रुपये वसूल लिए।
हालांकि महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. रावेंद्र सिंह यह बिल्कुल मानने को तैयार नही हैं कि उनके अस्पताल में कुछ भी गड़बड़ होता है।कल की खबर में हम आपको उस निजी अस्पताल से भी अवगत कराएंगे जो जिला महिला चिकित्सालय के कर्मियों की सांठगांठ से संचालित किया जा रहा है।

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad