मेरठ। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर द्वारा निकाली जा रही बहुजन अधिकार यात्रा को मंगलवार दोपहर पुलिस ने देवबंद में रोकते हुए चंद्रशेखर को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लेते ही चंद्रशेखर की हालत बिगड़ गई। उन्हें मेरठ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान भीम आर्मी समर्थकों ने सहारनपुर-मेरठ हाईवे पर जाम लगाते हुए जमकर हंगामा किया। देरशाम चंद्रशेखर और राष्ट्रीय महासचिव कमल वालिया समेत दो सौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर ने बीते दिनों घोषणा की थी कि वह सहारनपुर से दिल्ली तक बहुजन समाज अधिकार यात्रा निकालेंगे। आगामी 15 मार्च को कांशीराम के जन्मदिवस पर संसद के सामने सभा करेंगे। सोमवार को यह यात्रा छुटमलपुर से शुरू हुई। रात्रि प्रवास देवबंद के कासिमपुरा गांव में हुआ। मंगलवार दोपहर साढ़े 12 बजे यह यात्रा मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हुई। हाईवे पर पहुंचते ही देवबंद एसडीएम व सीओ ने यात्रा को रोक दिया। चंद्रशेखर को हिरासत में लेकर पुलिस जीप में बैठा लिया।
इस पर भीम आर्मी समर्थक आगबबूला हो गए। उन्होंने सहारनपुर-मेरठ हाईवे पर हंगामा शुरू कर दिया। चंद्रशेखर को रिहा करने की मांग की। इधर, हिरासत में लेते ही चंद्रशेखर की हालत बिगड़ गई। उन्हें पुलिस निगरानी में मेरठ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने ब्लड प्रेशर के चलते सांस लेने में दिक्कत बताई। उपचार के कुछ देर बाद हालत में सुधार हो गया। इधर, चंद्रशेखर के मेरठ आते ही पुलिस ने अलर्ट जारी कर दिया।
उधर, मंगलवार देरशाम पुलिस ने चंद्रशेखर, राष्ट्रीय मासचिव कमल वालिया समेत दो सौ अज्ञात समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इंस्पेक्टर देवबंद कुलदीप सिंह ने बताया कि कोतवाली में आचार सहिंता उल्लंघन व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
स्थानीय पुलिस-प्रशासन अलर्ट
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को हिरासत में लेने और फिर मेरठ लाते ही स्थानीय पुलिस-प्रशासन अलर्ट हो गया। दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान मेरठ में जहां-जहां हिंसा हुई थी, वहां आनन-फानन में पुलिस व पीएसी तैनात कर दी गई। माहौल खराब होने पर पुलिस को बवालियों को तुरंत काबू करने का निर्देश दिया गया। इधर, जिस अस्पताल में चंद्रशेखर भर्ती हैं, वहां भी भारी फोर्स तैनात कर दी गई है। सहारनपुर और मुजफ्फरनगर जिले की पुलिस चंद्रशेखर आजाद को लेकर शाम चार बजे हॉस्पिटल पहुंची। यहां बड़ी तादात में भीम आर्मी समर्थक उन्हें देखने के लिए पहुंच गए। सभी को इमरजेंसी के मुख्य गेट पर ही रोक दिया। मीडियाकर्मियों को भी बाहर कर दिया। इससे पहले सिवाया टोल प्लाजा पर भीड़ इकट्ठा होने की सूचना पर अलर्ट किया गया। खुफिया विभाग भी पल-पल की जानकारी लेता रहा।
दिल्ली में रैली होकर रहेगी
भीम आर्मी के राष्ट्रीय महासचिव कमल वालिया ने ट्वीट करके कहा कि हम सब आजाद हैं और 15 मार्च को दिल्ली में बहुजन हुंकार रैली होकर रहेगी। इससे पहले वह देवबंद से मेरठ आने के दौरान पल-पल की जानकारी ट्वीट करके देते रहे। समर्थकों को अस्पताल पहुंचने को कहते रहे, इसे लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया। कमल वालिया ने हॉस्पिटल में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि 10 मार्च की देर शाम सहारनपुर प्रशासन से रैली की अनुमति मिल गई। 11 मार्च की सुबह अचानक अनुमति को निरस्त कर दिया गया। गुरुवार दोपहर बाद यह रैली मुजफ्फरनगर पहुंचनी थी। मुजफ्फरनगर प्रशासन से इसकी अनुमति मिल चुकी थी। उन्होंने कहा कि सरकार के निर्देश पर पुलिस ने यह तानाशाही रवैया अपनाया है।
एक घंटे तक स्टेट हाईवे पर कब्जा
चंद्रशेखर को हिरासत में लेने के बाद हंगामा खड़ा हो गया। करीब एक घंटे तक भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने हाईवे पर जाम लगाकर हंगामा किया। पुलिस ने काफी मुश्किल से जाम खुलाया।
खुफिया विभाग को भनक नहीं लगी
सहारनपुर में एक बार फिर स्थानीय खुफिया विभाग का फेलियर सामने आया है। सोमवार को भीम आर्मी ने अपनी पदयात्रा की शुरुआत कर दी, लेकिन खुफिया विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी। मंगलवार को जब बड़ी संख्या में देवबंद से पदयात्रा की शुरुआत हुई तो अफसर सक्रिय हुए।
चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद भी भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर बगैर अनुमति यात्रा निकाल रहे थे। पुलिस ने एहतियात के तौर पर उन्हें हिरासत में लिया है। आचार संहिता उल्लंघन में मुकदमा भी कायम किया गया है। पदयात्रा शुरू करने वाले सभी कार्यकर्ताओं को चिह्नित किया जाएगा। रास्तों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर जांच पड़ताल की जा रही है। इसके बाद सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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