नई दिल्ली। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आतंकियों पर चौतरफा दबाव बनाया जा चुका है। भारत की हवाई कार्रवाई में पाक स्थित शिविरों के नष्ट होने से आतंकियों में बौखलाहट है। वहीं पाकिस्तान सरकार पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भारत समेत पूरे विश्व का दबाव है। इसलिए माना जा रहा है कि अभी कुछ समय तक पाक की ओर से आतंकियों की घुसपैठ नहीं कराई जाएगी। घाटी में भी अतिरिक्त जवानों की तैनाती कर अभियान चलाया जा रहा है।
घाटी में 50 कुख्यात आतंकी
इस समय घाटी में हिजबुल, लश्कर, जैश समेत कुछ जेकेआईएसआईएस के आतंकी सक्रिया हैं। इनमें करीब 45-50 कुख्यात आतंकी है और कमांडर या उप कमांडर होने का दावा करते हैं। इनके पास नए युवाओं की भर्ती और प्रशिक्षण देने का जिम्मा है।
सुरक्षा बलों की नजर
सुरक्षा एजेंसियों आतंकियों के सफाए के साथ नई भर्तियों को भी रोकने का प्रयास कर रही हैं। वहीं घुसपैठ पर भी लगाम लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
नई भर्ती पर खुफिया नजर
सूत्रों के अनुसार सुरक्षा बलों ने इस बार आर-पार की रणनीति अपनाई है। इसमें जहां सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिस मिलकर आतंकियों के सफाए में जुटी हैं, वहीं खुफिया एजेंसियों के जरिए नई भर्ती पर भी नजर रखी जा रही है। नए आतंकी बनने वालों को तुरंत गिरफ्तार करने की कोशिश है ताकि वह प्रशिक्षण नहीं पा सकें। सुरक्षा बलों की कोशिश है कि पुराने आतंकियों को मारने के साथ नई भर्ती की चेन को नष्ट किया जाए।
घुसपैठ नहीं होने दी जाएगी
नई रणनीति के तहत सीमापार से नियंत्रण रखा या अंतरराष्ट्रीय सीमा से होने वाली घुसपैठ पर पूरी नजर रखी जा रही है। जिन स्थानों पर सुरक्षा बलों की तैनाती नहीं है, वहां उपग्रह आदि के जरिए घुसपैठ पर नजर रखी जा रही है। घुसपैठ में हालांकि लगातार कमी की खबरें हैं लेकिन कोशिश यह है कि एक भी आतंकी नहीं घुस पाए।
शिविर नष्ट होंगे
सूत्रों के अनुसार सुरक्षा बल कश्मीर के भीतर चल रहे आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को भी नष्ट करेंगे। खबर है कि सीमापार आवाजाही में सख्ती के कारण आतंकियों के आकाओं ने कश्मीर के भीतर भी कई छोटे-छोटे शिविर बना रखे हैं। इनमें प्रशिक्षित आतंकी नए आतंकियों को प्रशिक्षण देते हैं। उपग्रह के जरिये ऐसे शिविरों के बारे में जानकारी एकत्र कर उन्हें नष्ट करने की योजना बनाई गई है।

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