पॉकलेन के इस्तेमाल से सोन नदी के अंदर ,पानी से निकाल रहे बालू
>> एनजीटी ने नियमों का पालन नहीं कर रहीं ब्रॉडसन कंपनी
>> पानी के अंदर से बालू खनन करना हैं गैरकानूनी व अवैध -एके घोष
>> ग्रामीणों ने पालीगंज अंतर्गत अवैध बालू खनन पर रोक लगाने एवं इ सी जारी करनेवाले पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग
>> एनजीटी ने बिहार के मुख्य सचिव को अवैध बालू खनन रोकने का दिया है निर्देश ,स्थानीय स्तर पर मिलीभगत के कारण असर नहीं
रवीश कुमार मणि
पटना ( अ सं) । बिहार में एक जनता की चुनी हुई सरकार हैं तो दूसरी ओर इसके समकक्ष बालू माफियाओं की एक सरकार चलती हैं । यहीं कारण है की व्यवस्था जनता की सरकार की नहीं माफियाओं की सरकार की सुनती हैं और इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा हैं और पर्यावरण की क्षति हो रहीं हैं । अवैध खनन का प्रमाण यह है की बालू माफिया सोन नदी में पॉकलेन से पानी के अंदर से बालू निकाल कर सोन नदी को समुद्र बना दिया हैं और खनन विभाग गहरी निंद में सोय हुई हैं । वीडियो में आप इसे साफ तौर पर देख सकते हैं ।
वीडियो https://youtu.be/KOAunBdSnPw
यह मामला पटना जिले के रानीतलाब थाना अंतर्गत लहलादपुर घाट की हैं । बालू खनन का ठेका, ब्रॉडसन कंपनी को मिला हुआ हैं । 24 हेक्टेयर में बालू खनन करने का लाइसेंस हैं । सुत्रों की मानें तो सिक्युरिटी मनी लेकर ब्रॉडसन ने निजी 4 लोगों को बालू खनन करने को दे दिया हैं । उक्त निर्धारित क्षेत्र में बालू, कब का खत्म हो गया हैं । बालू माफियाओं ने तीन मीटर की जगह 10-12 मीटर की गहराई तक बालू खनन किया हैं । जब यहां बालू खत्म हो गया तो सोन नदी के पानी वाले क्षेत्र में पॉकलेन द्वारा पानी के अंदर से बालू का निकासी किया जा रहा हैं । स्थानीय लोगों की मानें तो पानी के अंदर से बालू का निकासी होने से इतनी गहराई हो गयी हैं की सोन नदी ,समुद्र बन गया हैं । जिससे पर्यावरण का क्षति तो पहुंचा ही हैं ,आम जनों के लिए जन-जीवन खतरा में पड़ गया हैं । सीआ द्वारा एनजीटी के नियमों के अनुसार बालू खनन का निर्देश दिया गया हैं । जिसका पालन लहलादपुर घाट पर 1 प्रतिशत भी नहीं हो रहा हैं । सबसे बड़ी बात तो यह है की सोन नदी के किनारे पानी के समीप हजारों ट्रैक्टर परिवहन कर रहे हैं ,जिसके प्रदूषण से सोन नदी की मछलीयां एवं अन्य जीव-जन्तु पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वभाविक हैं ।
पुरी वीडियो यहाँ देखे -https://youtu.be/clgxHkMi2w0
तत्कालीन ,बिहार सीआ के सदस्य सह बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष -प्रो एके घोष ने कहां की जो ईसी जारी किया गया हैं उसमें एनजीटी के नियमों के अनुसार बालू खनन करना हैं ,ताकि पर्यावरण और प्रकृति का क्षति नहीं हो। नदी तट से दूर और पानी की दूरी छोड़कर सुखे बालू क्षेत्र में से बालू खनन करना है, निर्धारित तीन मीटर गहराई तक बालू खनन करना हैं । नदी के पानी के अंदर से बालू की निकासी करना पर्यावरण की क्षति पहुंचाना हैं और यह पूर्ण रूप से अवैध हैं ।
इधर सैकड़ों ग्रामीणों ने बुधवार को प्रधान सचिव ,खनन विभाग ,पटना के जिलाधिकारी, जिला खनन पदाधिकारी को लिखित आवेदन देकर शिकायत किया हैं की पालीगंज अनुमंडल अंतर्गत ,दुल्हिनबाजार अंतर्गत ,रानीतलाब क्षेत्र, मौजा-राजीपुर में अवस्थित सोन नदी को प्राप्त ई सी का दुरूपयोग कर प्रखंड पालीगंज अंतर्गत मौजा मसौढ़ा से अवैध ढंग से बालू खनन पर रोक लगाने एवं निर्गत ई सी का जांच कर दोषी के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएं । इस संबंध में संबंधित अधिकारी ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कहीं हैं । सुत्रों की मानें तो उक्त जारी ई सी फर्जीवाड़ा कर बनाया गया है,इसका खुलासा भी तरूणमित्र जल्द करेगी ।
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