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Sunday, 31 March 2019

जेल की सजा काटने के बाद अभिनेता राजपाल यादव एक बार फिर से फिल्म इंडस्ट्री में

मुंबई। फिल्म बनाने के लिए लिया 5 करोड़ का कर्ज न चुकाने के आरोप में 3 महीने जेल की सजा काटने के बाद अभिनेता राजपाल यादव एक बार फिर से फिल्म इंडस्ट्री में काम करने को तैयार हैं। राजपाल यादव ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में हुई परेशानियों से वे अब उबर चुके हैं औरअपनी फिल्मों की शूटिंग शुरु करने के लिए काफी उत्साहित हैं।

एक न्यूज ऐजेंसी को दिए गए अपने साक्षात्कार में राजपाल यादव ने बताया कि जल्द ही वे सूरज पंचौली और इसाबेल कैफ के साथ अपनी नयी फिल्म की शूटिंग शुरु करने वाले हैं। राजपाल ने यह भी बताया कि उनकी इस फिल्म की अधिकतर शूटिंग विदेश में हुई हैं और फिल्म के कुछ हिस्से शूट करने अभी बाकी हैं। बकौल राजपाल, “इस फिल्म की शूटिंग पहले ही खत्म हो जाती, लेकिन मैं निर्माताओं और निर्देशकों का आभारी हूं जिन्होंने मेरे वापस आने का इंतजार किया।”

इसके अलावा राजपाल यादव ने कहा, “मैं ‘जाको राखे साइयां’ को भी खत्म कर रहा हूं। डेविड धवन और प्रियदर्शन के साथ भी बात चल रही है। मैं अब फिल्म के सेट पर जाने के लिए बेसब्र हूं।”

बता दें कि हास्य कलाकार राजपाल यादव ने साल 2010 में फिल्म बनाने के लिए एक कंपनी से 5 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जिसे न चुकाए जाने पर उन पर पिछले कई सालों से केस भी चल रहा था। साल 2018 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजपाल को इस मामले में तीन महीने जेल की सजा सुनाई थी।

सजा काट कर आने के बाद राजपाल ने कहा, “मुझे लगता है कि कानून सबके लिए बराबर है और देश के कानून से कोई नहीं बच सकता। इसलिए मैंने अदालत के आदेश का पालन किया।”

इसके अलावा राजपाल ने कहा, “मुझे लगता है कि मैंने कुछ लोगों पर विश्वास किया जिन्होंने बाद में इसका गलत फायदा उठाया। लेकिन, मैं इस पर और कुछ नहीं कहना चाहता हूं। मैं बस आगे बढ़ना चाहता हूं क्योंकि मैं जानता हूं कि अभी जिंदगी से बहुत कुछ मिलेगा।”

अपनी सजा के दौरान राजपाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे, जहां उन्होंने एक बार साथी कैदियों के लिए एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रस्तुति भी दी थी।

तिहाड़ जेल में सजा के दौरान बिताए गए पलों को साझा करते हुए राजपाल ने कहा, “वहां बहुत कठिन अनुशासन था और हम सभी को उसका पालन करना होता था। मैं साथी कैदियों से बात करने की कोशिश करता था। मैं उनके साथ एक संवाद सत्र करता था जिसका नाम ‘राजपाल की पाठशाला’ रखा गया था।”

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