- एसटीएफ ने जनपद देवरिया से दबोचा
लखनऊ। एसटीएफ ने फर्जी मार्कशीट के आधार पर नौकरी करने वाला वांछित आरोपी को जनपद देवरिया से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आरोपित बीते वर्ष से शिक्षक की नौकरी कर रहा था। पकड़े गये आरोपित के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है।
एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में फर्जी मार्कशीट के आधार पर नौकरी करने वालों की सूचनाएं मिल रही थी। इस संबंध में एक टीम जांच-पड़ताल में जुटी थी। श्री सिंह ने बताया कि बीते वर्ष फर्जी शिक्षकों के खिलाफ अभियान चलाकर उनकी गिरफ्तारियां की जा रही थी। इनमें जो कूटरचित दस्तावेज से नौकरी कर रहे थे वो विद्यालय छोड़ रखा था। इस माममले में संबंधित विभाग ने पकड़े गये आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। तभी से आरोपित फरार चल रहा था। इसी दौरान मुखबिर ने बताया कि जनपद सिद्धार्थनगर में वांछित अभियुक्त आदित्य सिंह अपने आवास सलेमपुर, जनपद देवरिया आने वाला है। इस सूचना पर टीम ने आरोपित को घर से घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया। आरोपित ने अपना नाम व पता आदित्य सिंह पुत्र राम प्रताप सिंह निवासी सलेमपुर, जनपद देवरिया बताया है। पकड़े गये आरोपित के खिलाफ स्थानीस कोतवाली में विधिक कार्रवाई की जा रही है।
पांच लाख देकर बन गया शिक्षक
पूछताछ पर आरोपित आदित्य सिंह ने बताया कि भटनी देवरिया से बी.काम किया है। दो बार टीईटी की
परीक्षा दिया परन्तु फेल हो गया। इसके बाद मुलाकात जितेन्द्र सिंह से मुलाकात हुई जो सलेमपुर के ही रहने वाले हैं और जनपद सिद्धार्थनगर के प्राईमरी विद्यालय में अध्यापक है। जितेन्द्र सिंह ने मेरी मुलाकात राकेश सिंह निवासी भाटपाररानी जनपद देवरिया से करायी। राकेश ने कहा कि पांच लाख रुपए में प्राइमरी विद्यालय में अध्यापक बनवा दूगां। आदित्य सिंह ने पांच लाख देकर डी.लेड व टीईटी की कूटरचित दस्तावेज बनवाया और जनपद सिद्धार्थनगर से प्राईमरी में अध्यापक का फार्म भरवाया। आदित्य सिंह वर्ष 2016 में सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय हरैया, जनपद सिद्धार्थनगरके पद पर नियुक्त हुआ। इसके बाद से आरोपित को वेतन मिलने लगा था।

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