नयी दिल्ली, दिल्ली के शाहाबाद डेरी क्षेत्र में एक 15 साल की लड़की जो 40 घंटे से गायब थी, उसको पुलिस स्टेशन छोड़ दिया गया| लड़की के माता पिता ने लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज करायी थी और उसके तुरंत बाद दिल्ली महिला आयोग की महिला पंचायत में संपर्क करके सहायता मांगी| दिल्ली महिला आयोग की टीम तुरंत हरकत में आई और 24 घंटों के अन्दर लड़की रेस्क्यू हो गयी| अनीता (नाम परिवर्तित) के माता पिता और मामा ने 29 मार्च को दिल्ली महिला आयोग की महिला पंचायत में शिकायत दर्ज करायी कि उनकी बेटी पिछली रात से घर से गायब है| लड़की रात में 9 बजे मच्छर अगरबत्ती लेने घर से निकली थी| जब वह बहुत देर तक घर नहीं लौटी तो चिंतित माता पिता ने थाने में जाकर गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज करवाई| अगले दिन उन्होंने आयोग की महिला पंचायत की टीम के साथ पूरे क्षेत्र में अपनी बेटी को ढूंढा और घर घर पूछताछ की| इसके 24 घंटे के अन्दर अपहर्ता के रिश्तेदार लड़की को पुलिस थाने छोड़ गए| लड़की के चाचा ने दिल्ली महिला आयोग की टीम को सूचना देकर थाने बुलाया और बताया कि पुलिस अपना काम नहीं कर रही है| आयोग की टीम ने दबाव देकर लड़की की मेडिकल जांच सुनिश्चित करवायी| पूछताछ करने पर अनीता ने बताया कि जब वह दुकान पर जा रही थी तो उसको 25 वर्षीय सौरभ ने रोक लिया, वह एक अपराधी प्रवृति का आदमी है और नशे का आदी है| उसने बताया कि वह पहले भी उसका पीछा करता था| उसने उसके ऊपर किसी चीज का स्प्रे कर दिया जिससे वह बेहोश हो गयी| उसके बाद उसे कुछ भी ध्यान नहीं है, उसे केवल इतना याद था कि उसको नांगलोई में जबर्दस्ती एक घर में रखा गया था| उस घर में पुताई का काम चल रहा था, वहां उसने किसी को बातें करते हुए सुना कि इस लड़की को जल्द ही दिल्ली से बाहर ले जाना चाहिए| शाहबाद डेरी के स्थानीय लोगों ने इस बात की पुष्टि की है कि सौरभ एक गुंडा है और अपहृत लड़की को आसपास के क्षेत्र में रखा गया था| दिल्ली महिला आयोग की टीम द्वारा सघन तलाशी अभियान से वो लोग डर गए और लड़की को लौटा दिया| उन लोगों ने शिकायत की कि इस क्षेत्र में इस तरह के अपराध बहुत ज्यादा होते हैं और पहले भी कई लड़कियां वहां से गायब हो चुकी हैं| आयोग की सदस्या फिरदौस खान ने शाहबाद डेरी थाने के एसएचओ को सम्मन किया है और मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है|
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाती मालीवाल ने कहा, “दिल्ली महिला आयोग की महिला पंचायत आयोग की सदस्या फिरदौस खान के नेतृत्व में चलने वाला एक जमीनी स्तर का कार्यक्रम है| यह कार्यक्रम उन महिलाओं और लड़कियों की काफी मदद कर रहा है जो आयोग के दफ्तर नहीं पहुँच पाते| इस मामले में पुलिस को अपराधी को तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए और उसको कड़ी से कड़ी सजा दिलवानी चाहिए|
No comments:
Post a Comment