नई दिल्ली। अमेरिका के सरकारी रक्षा संस्थान नेशनल एयरोनॉटिकल एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने भारत के (ए-सैट) मिशन शक्ति को बेहद खतरनाक बताया है। उसका कहना है कि इसके कारण अतंरिक्ष में मलबे के 400 टुकड़े फैल गए हैं। जिसके कारण आनेवाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों के लिए नया खतरा पैदा हो गया है।
यह बातें नासा के मुखिया जिम ब्रिडेनस्टाइन ने सोमवार को कहीं। उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत ने पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थित एक लो ऑरबिट सैटेलाइट को मार गिराया था। इस मिसाइल टेस्ट के जरिए भारत ने खुद को एक एडवांस अंतरिक्ष शक्ति के तौर पर स्थापित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इसकी जानकारी देशवासियों को दी थी। उन्होंने बताया था कि भारत का यह एंटी-सैटेलाइट मिशन पूरी तरह से स्वदेशी है।
नासा के प्रमुख जिम ब्रेडेन्सटाइन ने अपने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए भारत के मिशन शक्ति का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘यह टुकड़े इतने बड़े नहीं है कि इन्हें ट्रैक किया जा सके। हम फिलहाल 6 इंच (10 सेंटीमीटर ) या इससे बड़े टुकड़ों पर नजर रखे हुए हैं। इस तरह के अब तक 60 टुकड़े मिल चुके हैं।’
नासा के प्रमुख ने कहा कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से ऊपर मलबा जाना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। इस तरह की घटनाओं से भविष्य में अंतरिक्ष मिशन काफी मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। हमने यह साफ किया है कि इससे हम पर क्या असर होगा। यूएस मिलिट्री स्पेस में इसी तरह के ऑब्जेक्ट्स की तलाश कर रही है, जिससे किसी भी सैटेलाइट या फिर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को नुकसान पहुंच सकता है। अभी फिलहाल 23 हजार ऐसे टुकड़ों की तलाश जारी है, जो 10 सेमी से बड़े हैं।
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