नई दिल्ली। मेहसाणा हिंसा मामले में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को गुजरात हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है। इसका मतलब है कि वो आगामी आम चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में गुजरात के मेहसाणा में दंगा भडक़ाने के मामले में उनकी सजा को निलंबित करने की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस पर तत्काल सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है। इसके साथ ही कोर्ट ने इस पर सुनवाई के लिए 4 अप्रैल की तारीख तय की है। इससे पहले गुजरात हाई कोर्ट ने उनकी सजा को निलंबित करने की याचिका को रद्द कर दिया था।
गौरतलब है कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन से उभरे 25 साल के हार्दिक पटेल ने 12 मार्च को कांग्रेस में शामिल होने के बाद जामनगर से चुनाव लडऩे की तैयारी शुरू कर दी थी। हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से टिकट का भी आग्रह किया था, लेकिन हाई कोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने उनकी तैयारियों पर पानी फेर दिया है। जामनगर लोकसभा सीट पर नामांकन के लिए 4 अप्रैल आखिरी तारीख है, ऐसे में शीर्ष अदालत की ओर से मामले की सुनवाई से इनकार से साफ है कि हार्दिक अब चुनावी समर में नहीं उतर सकेंगे।
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