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Friday, 5 April 2019

बालू माफ़िया का कारनामा -फ़र्ज़ी ई .सी . पर हो रहा है अवैध बालू खनन , पर्यावरण सहित करोड़ों की क्षति

 दुल्हिनबाजार के राजीपुर गांव के नाम पर सीआ ने जारी किया हैं ईसी ,उक्त स्थान पर खनन नहीं कर पालीगंज के मसौढ़ा में हो रहा बालू खनन

>> राजीपुर ईसी में जो खाता- खेसरा है अंकित ,वह जमीन राजीपुर मौजा में हैं ही नहीं

>> ग्रामीणों ने एक सप्ताह के अंदर दूसरी बार किया खनन विभाग के प्रधान सचिव से शिकायत ,लेकर कार्रवाई शून्य

>> मामला संज्ञान में हैं आया ,जांच कर दोषियों के खिलाफ करेंगे कार्रवाई -सहायक निदेशक

रवीश कुमार मणि
पटना ( अ सं ) । यहां पुरानी दो कहावत से शुरूआत करते हैं -सामर्थ्य के नहीं कुछ दोष गोसाई…..और, खाता न बही – जो बालू माफिया कहें ,वहीं सही ….  कुछ ऐसी ही स्थिति बिहार के खनन विभाग और जिला प्रशासन की हैं । सूबे में अवैध बालू खनन का एक से बड़कर ,एक मामला सामने आ रहा है लेकिन किसकी मजाल की कोई कार्रवाई करें ,सच तो यह है पूर्ण सरकारी व्यवस्था ,बालू माफिया के आगे नतमस्तक हैं । अभी तक जो मामला सामने आ रहा था वह अवैध बालू खनन का रहा था लेकिन इस बार जो मामला सामने आया है वह फर्जी ईसी पर अवैध बालू खनन कर सरकार के करोड़ों की राजस्व की क्षति से जुड़ा हैं ।सहायक निदेशक ने कहां की मामला संज्ञान में आया है जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ।

फर्जी ईसी का लगा आरोप, राजीपुर मौजा में नहीं है खाता -खेसरा

पटना जिले के दुल्हिनबाजार अंचल में राजीपुर गांव हैं । राजीपुर मौजा में बालू खनन करने का अधिकारीक आदेश ब्रॉडसन कंपनी को मिला हैं । ब्रॉडसन कंपनी को सीआ द्वारा दिये गये ई.सी के अनुसार राजीपुर मौजा के खाता संख्या -590 ,239,240,113,117,118 ,खेसरा संख्या -122,132,134,241,255,202,210,एवं 235 ,कुल रकवा -23.9 एकड़ में बालू का खनन करना हैं । सुत्रों की मानें तो उक्त खाता और खेसरा, राजीपुर मौजा में उक्त ई.सी एरिया में नहीं हैं । यहां तक बताया जाता है की उक्त खाता और खेसरा, भोजपुर जिले के किसी मौजा का हैं । इस तरह सीआ द्वारा ब्रॉडसन कंपनी को राजीपुर मौजा में बालू खनन करने का जो ई.सी दिया गया है वह एक प्रकार से फर्जी समान हैं ।
         ग्रामीणों की मानें तो राजीपुर गांव के राजीपुर मौजा में किसी तरह का बालू खनन नहीं किया जा रहा हैं । बल्कि राजीपुर के ई.सी पर पालीगंज अंचल के मसौढ़ा गांव में बालू का खनन किया जा रहा हैं और जलपुरा गांव स्थित मुख्य सड़क पर राजीपुर घाट का चलान काटने हेतु कार्यशाला खोला गया हैं । गौर करने वाली बात यह है की राजीपुर गांव के राजीपुर मौजा दुल्हिनबाजार और पालीगंज का सिवान क्षेत्र है। राजीपुर गांव के बगल में जलपुरा गांव है जो पालीगंज अंचल में है,इसके बाद मसौढ़ा गांव है, वह भी पालीगंज अंचल में पड़ता हैं । इस तरह भौगोलिक दृष्टिकोण से भी देखें तो राजीपुर और मसौढ़ा के जमीन का मिलात कहीं से भी संभव नहीं हो सकता हैं ।

ग्रामीणों ने प्रधान सचिव से दो बार किया शिकायत

पालीगंज के मसौढ़ा गांव निवासी रंजीत कुमार सहित दर्जनों ग्रामीणों ने खनन विभाग के प्रधान सचिव ,जिला खनन पदाधिकारी ,जिलाधिकारी सहित कई उच्च अधिकारियों को लिखित आवेदन देकर शिकायत किया है की पालीगंज के मसौढ़ा मौजा में जो बालू खनन किया जा रहा है वह गलत हैं । दुल्हिनबाजार के राजीपुर के  ई.सी के नाम पर पालीगंज के मसौढ़ा मौजा में बालू खनन करने उचित नहीं हैं । इससे पर्यावरण का नुकसान सहित सरकार के राजस्व की करोड़ों की क्षति हुई है, इसे तत्काल बंद किया जाएं ।पहली शिकायत ग्रामीणों ने 27 मार्च 2019 को किया था, इसके बाद दूसरी शिकायत शुक्रवार ,5 अप्रैल 2019 को किया हैं । रंजीत कुमार द्वारा सूचना अधिकार के तहत जानकारी की मांग किया था, इसके बाद जिला खनन विभाग ने, संबंधित राजीपुर ई.सी में अंकित खाता -खेसरा और रकवा की जानकारी दिया हैं ।

हाईकोर्ट में दो जनहित याचिका हो चुकी है दाखिल

बालू माफिया द्वारा अवैध बालू खनन करने पर तरूणमित्र  हिन्दी दैनिक और तरूणमित्र न्यूज पोर्टल द्वारा प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया गया था।  खबर का हवाला देकर पटना हाईकोर्ट में दो जनहित याचिका दाखिल हो चुकी हैं ।सरकार और ब्रॉडसन कंपनी को नोटिस जारी हुआ है लेकिन आज भी कई जगहों पर अवैध बालू खनन कर पर्यावरण को सीधा -सीधा क्षति पहुंचाया जा रहा हैं । एनजीटी द्वारा बनाएं गये नियमों की अनदेखी की जा रहीं है और व्यवस्था मौन हैं ।

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