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Monday 1 April 2019

लिवर प्रत्यारोपण की सफलता के बाद पति व पत्नी केजीएमयू से डिस्चार्ज

केजीएमयू व मैक्स हॉस्पिटल के संयुक्त प्रयास से हुआ था प्रत्यारोपण

लखनऊ। रायबरेली निवासी व्यक्ति एवं उन्हें लिवर दान करने वाली उनकी पत्नी को सोमवार केजीएमयू से डिस्चार्ज कर दिया गया। व्यक्ति क्रॉनिक लिवर डिजीज से पीडि़त थे। पीडि़त मरीज ने पिछले माह फरवरी में केजीएमयू के सर्जिकल गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग की ओ.पी.डी. में दिखाया, जहां चिकित्सकों ने लिवर खराब होने पर उसे ट्रांसप्लांट की सलाह दी। इसके बाद मैक्स हॉस्पिटल के वरिष्ट चिकित्सकों के सहयोग से 14 घंटे में केजीएमयू में पहला सफल लिवर प्रत्यारोपण किया गया।

अप्रैल माह के अंत में एक और लिवर प्रत्यारोपण की संभावना

केजीएमयू कुलपति प्रो. एम.एल.बी. भटट् ने प्रशासनिक भवन के बोर्ड रूम में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि मैक्स अस्पताल एवं केजीएमयू के विभिन्न विभागों के संयुक्त प्रयास से यह लिवर प्रत्यारोपण पूर्णता सफल हुआ है। कुलपति ने सर्जिकल गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अभिजीत चन्द्रा की सराहना करते हुए कहा कि यह सफल ऑपरेशन के बाद संस्थान में अप्रैल माह के अंत में एक और लिवर प्रत्यारोपण किया जाने की संभावना है, जिसके बाद लिवर प्रत्यारोपण की आवश्यकता पडऩे वाले मरीजों को लाभ होगा।

डॉक्टरों  ने  ट्रांसप्लांट की सलाह दी

डॉ.अभिजीत चन्द्रा ने बताया कि रायबरेली निवासी 50 वर्षीय व्यक्ति क्रॉनिक लिवर डिजीज से पीडि़त थे। पीडि़त मरीज ने पिछले फरवरी में केजीएमयू के सर्जिकल गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग की ओ.पी.डी. में दिखाया, जहां चिकित्सकों ने लिवर खराब होने पर उसे ट्रांसप्लांट की सलाह दी। ऐसे में पीडि़त की 48 वर्षीय पत्नी ने अपना लिवर देने के लिए अपनी हामी भरी, जिसके बाद मरीज की क्लीनिकल पैथोलॉजिकल जांच की प्रक्रिया शुरू हुई, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद उन्होंने प्रत्यारोपण की प्लानिंग की। इसके लिए डॉ. अभिजीत चन्द्रा ने ऑपरेशन से 10 दिन पहले मरीज को वार्ड में भर्ती किया और पांच दिन मरीज को विशेष प्रोटोकॉल में रखा और मरीज के प्रत्येक पल की हिस्ट्री बनाई गई। इसके बाद मैक्स हॉस्पिटल के वरिष्ट चिकित्सकों के सहयोग से 14 घंटे में संस्थान में पहला सफल लिवर प्रत्यारोपण किया गया।

चिकित्सकों की टीम को दिया धन्यवाद

डिस्चार्ज से पूर्व मरीज एवं उनकी पत्नी ने पत्रकारों से बातचीत में इस जटिल ऑपरेशन के सफल होने पर इसे अपना दूसरा जीवन बताते हुए ऑपरेशन करने वाली चिकित्सकों की टीम को धन्यवाद दिया और केजीएमयू के चिकित्सकों एवं कर्मचारियों की सराहना करते हुुए बताया कि किसी अन्य अस्पताल में इस ऑपरेशन का खर्च 40 से 50 लाख बताया जा रहा था लेकिन केजीएमयू में मात्र कुछ लाख रूपए में ही इतनी उच्च गुणवत्ता वाले संसाधनों एवं चिकित्सकों की मदद से यह ऑपरेशन सफ ल हुआ।

इन डॉक्टरों का रहा सहयोग

विभागाध्यक्ष डॉ. अभिजीत चन्द्रा ने बताया कि इस लिवर ट्रांसप्लांट में मैक्स अस्पताल एवं केजीएमयू के चिकित्सकों समेत 50 लोगों के स्टाफ ने सहयोग किया। इसमें मैक्स दिल्ली के लिवर ट्रांसप्लांट के विशेषज्ञ डॉ. सुभाष गुप्ता, डॉ. शालीन अग्रवाल, डॉ. राजेश दुबे तथा केजीएमयू के सर्जिकल गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अभिजीत चन्द्रा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. एस.एन.शंखवार, डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. अनित परिहार, डॉ. तूलिका चन्द्रा, डॉ. रोहित डॉ. नीरा कोहली, डॉ. विवेक गुप्ता, डॉ. प्रदीप जोशी, डॉ. मो. परवेज, डॉ. अनीता मलिक, डॉ. तन्मय ने मरीज की प्रत्यारोपण प्रक्रिया में अपनी अह्म जिम्मेदारी निभाई।

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