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Tuesday 2 April 2019

पिंक बसों में महिला यात्री तो सुरक्षित, पर महिला कंडक्टर की आफत

लम्बे रूट पर चलने के बाद रात्रि विश्राम के लिए व्यवस्था नहीं

रवि गुप्ता
लखनऊ,। यूपी रोडवेज ने खासकर महिला यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर उनके लिये पिंक स्पेशल बसों की परिवहन सेवा शुरू की। जीपीएस, सीसीटीवी व पैनिक बटन जैसी हाईटेक सुरक्षा तकनीकी से लैस कुछ नयी बसों को हाल-फिलहाल राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान से खुद सीएम योगी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन स्पेशल बसों में अच्छी बात यह है कि इनमें स्टैयरिंग तो पुरूष ड्राइवर के हाथ में है, मगर परिचालन की कमान महिला कंडक्टर को सौंपी गई है ताकि इन बसों में सफर करने वाली महिला मुसाफिर अपने को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित महसूस कर सकें। अब स्थिति यह आ गई है कि कई महिला कंडक्टरों ने पिंक बसों की नाइट ड्यूटी को लेकर सुरक्षा से जुडेÞ अहम सवाल खड़े कर दिए हैं।

उनके मुताबिक  पिंक बसों पर लम्बी दूरी के रूट पर चलने में नाइट स्टे करना पड़ता है जबकि संबंधित बस स्टेशनों या फिर डिपो में महिला कंडक्टरों के रात्रि विश्राम के लिए कोई व्यवस्था नहीं होती। ऐसे में अगर कोई अनचाही घटना उनके साथ हो गई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। नतीजतन, उन्हें पिंक बसों में डर-डरकर ड्यूटी करनी पड़ रही है। इतना ही नहीं कुछ महिला कंडक्टरों ने लिखित तौर पर परिवहन मंत्री, निगम और क्षेत्रीय प्रबंधन से लेकर डिपो के एआरएम तक को इन समस्याओं से अवगत कराया है। मगर मुख्यालय प्रबंधन अभी तक अपने महिला कंडक्टरों की सुरक्षा से संबंधित अहम मुद्दे को लेकर उतना गंभीर नहीं दिख रहा। बहरहाल, जब प्रकरण को लेकर परिवहन निगम के एमडी धीरज साहू से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस विषय का संज्ञान लिया जा रहा है और जिन बस स्टेशनों या डिपो पर महिला कंडक्टर के स्टे के लिए व्यवस्था नहीं है उसका इंतजाम कराया जायेगा। नाम न छापने के शर्त पर कुछ महिला कंडक्टरों ने बताया कि उन्हें पिंक बसों की ड्यूटी करने में कोई दिक्कत नहीं है। केवल परेशानी लम्बी दूरी के परिचालन से है, क्योंकि ऐसे में उनकी उसी दिन समय से वापसी नहीं हो पाती और न चाहते हुए भी उन्हें ड्यूटी करनी पड़ती है। वैसे गाजियाबाद बस स्टेशन पर महिला कंडक्टरों के लिए कुछ ठहरने की व्यवस्था बनायी गई है।

मुख्यालय के ही अधिकारी गंभीर नहीं, तब क्या हो…!
पिंक बसों की महिला कंडक्टरों की सुरक्षा को लेकर रोडवेज मुख्यालय के ही संबंधित संचालन अधिकारी उतने गंभीर नहीं हैं। तभी तो बिना रूट पर विचार किए ही सीधे लखनऊ रीजन को हरिद्वार व गाजीपुर आदि रूटों पर पिंक बसें चलाने का फरमान जारी कर दिया। ऐसे में जब लखनऊ से हरिद्वार चलाने की बात आयी तो महिला कंडक्टरों ने सवाल उठाये कि आखिर इतने लम्बे रूट पर चलने के बाद वहां पर उनके ठहरने के लिए कोई व्यवस्था तो हो। इसके बाद मुख्यालय द्वारा दिए गए रूट को अलग रखते हुए पिंक बसों को प्रयागराज व आगरा सहित कम दूरी के रूटों पर संचालित किया गया ताकि एक दिन में महिला कंडक्टर गंतव्य तक वापसी कर सकें।

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