मानवीय संवेदनाये हो रही तार तार चुनाव आयोग भी अनजान
अरविन्द तिवारी
गाजियाबाद।कांग्रेस आलाकमान जहां एड़ी चोटी का जोर लगा कर चुनाव जीतने को सभी जतन कर रही है।तो गाजियाबाद कि कांग्रेस से शिक्षित महिला प्रत्याशी जो कि खुद को प्रबुद्ध बना बताने से भी नहीं चूक रही अपने को शिक्षित होने का तमगा पोस्टरों में भी छपवा कर लोगों के बीच चुनाव प्रचार में जुटी हैं। परंतु वह शायद यह भूल चुकी है।ज्यादातर स्कूल खुल चुके हैं जहां पढ़ने वाले मासूम बच्चों के हाथों में पेंसिल कॉपी होनी चाहिए उनके हाथों में चुनाव प्रचार सामग्री देकर वोट की अपील करवाना यह कहां से न्याय संगत है।जहां कांग्रेस के सपनों को पूरा करने के लिए कांग्रेसी प्रत्याशी मासूमों को भी चुनाव प्रचार में अछूता छोड़ना नहीं चाहती जहां मासूमों को स्कूल में होना चाहिए सरकार प्रति वर्ष सर्व शिक्षा अभियान जैसे महत्वपूर्ण प्रोग्राम चलाकर प्रचार-प्रसार के माध्यम से ज्यादातर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित करती है।
तो वही देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस की शिक्षित महिला प्रत्याशी उन्हीं बच्चों से अपने चुनाव प्रचार में खुलेआम वोट मंगवा रही है। चुनावी माहौल बनाने को बच्चों का भविष्य दांव पर यह कैसी राजनीति कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा संवेदना को तार-तार कर समाज को कौन सा संदेश देना चाहती है कांग्रेस प्रत्याशी जबकि नारी शक्ति को बच्चों से ज्यादा लगाव होना चाहिए परंतु अपने लालच स्वार्थ बस मासूम बच्चों को प्रचार अभियान में धकेलना यह समाज विरोधी नहीं है।इस संबंध में गाजियाबाद जिलाधिकारी वा जिला निर्वाचन अधिकारी से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया परंतु उनका फोन नहीं उठा।
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