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Tuesday 2 April 2019

एटीएम से नकली नोट निकलने से मचा हड़कम्प, एफआईआर दर्ज

  • राजधानी के अलग- अलग इलाकों के एटीएम से करीब 4 लाख के नकली नोट बरामद

लखनऊ। राजधानी के विभिन्न इलाकों में लगे एटीएम से निकल रहे नकली नोटों को लेकर ग्राहकों में हड़कम्प मच हुआ है। शहर के अलग अलग जगहों पर लगे एटीएम मशीनों से अभी तक करीब चार लाख के नकली नोट बरामद हो चुके है। इतने बड़े पैमाने पर चल रहे रैकेट बैंक और पुलिस को खबर तक नहीं लगी। फिलहाल इस मामले में विभूतिखंड थाने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक जानकारीपुरम, सरोजनीनगर और डालीगंज स्थित अलग-अलग एटीएम से नकली नोट निकले थे। एटीएम से नकली नोट निकलने के बाद से ही लोगों में हडकंप मच गया था। एटीएम से निकले सभी नोटों में एक ही नंबर छपा था। जिनकी कीमत करीबन 4 लाख बतायी जा रही है। जानकारी के अनुसार कुल 5 एटीएम में से करीब 213 नकली नोट निकले थे। जिसमें कल्याणपुर स्तिथ मारुति शोरूम में लगे एटीएम से 13 नकली नोट , जानकीपुरम से 70 , एक अन्य एटीएम से 67 नकली नोट, सरोजनीनगर थाना क्षेत्र के एटीएम से 57 नकली नोट और डालीगंज स्थित एटीएम से 6 जाली नोट ग्राहकों को मिले थे। जिसके बाद कैश लोडर कम्पनी सीएमएस इंफोसिस की ओर से विभूतिखण्ड थाने में एफआईआर दर्ज की गयी है। बताया जा रहा है कि ग्राफिक आउट स्कैन करके जाली नोट बनाने की आशंका है । जिसमें पुलिस ने बताया कि एटीएम बूथ से जो नकली नोट मिले हैं, वह स्कैन करके बनाए गए हैं । सूत्रों का कहना है कि 2000 रुपये के नोट दो साल पहले ही शुरू हुए हैं । ऐसे में इतनी जल्दी इन नोटों की डाई बनाना संभव नहीं है । चूंकि नोटों की संख्या बहुत कम है। इसलिए इसके पीछे पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी आईएसआई अथवा अन्य राष्ट्रविरोधी ताकतों का हाथ भी नहीं लग रहा है। ऐसा लग रहा है किसी शातिर ने असली नोट को स्कैन करके जाली करेंसी तैयार की है । फिलहाल नोटों की विशेषज्ञों से जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। फिलहाल पुलिस ने जांच शुरू कर दी है लेकिन बड़ा सवाल यह है कि राजधानी में इतना बड़ा खेल चलता रहा और पुलिस और बैंक अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी ।
सीसीटीवी की निगरानी में  भरे जाते हैं नोट
बैंक अधिकारियों के मुताबिक सीएमएस कंपनी के एटीएम में रुपये भरने की प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होती है इसलिए कंपनी की तरफ से कोई गड़बड़ी होने की आशंका न के बराबर है । कंपनी यूरोनेट कंपनी से इंडेंट प्राप्त करती है तथा बैंक के करेंसी चेस्ट से रुपये लेकर एटीएम मशीन में भरती है। 2000 रुपये के बंडल सील पैक होते हैं । सारा रुपया सीएमएस कंपनी के वॉल्ट में रखा जाता है या फिर सीधे एटीएम मशीन में भर दिया जाता है । कंपनी के कस्टोडियन सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में एटीएम मशीन में रुपया भरते हैं । इंस्पेक्टर विभूतिखण्ड ने बताया कि सीएमएस कंपनी के अधिकारियों ने मुकदमा दर्ज कराया है। मामले की जांच की जा रही है।

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