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Wednesday 3 April 2019

टीटी के बदले टीडी टीकाकरण की शुरुआत

लखनऊ । भारत में टीकाकरण सर्विलांस के आंकड़ों के अनुसार डिप्थीरिया के ज्यादातर मामले 5 वर्ष या उससे ज्यादा की आयु वर्ग में सामने आए हैं।जिसमें डिप्थीरिया के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए, अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह के अनुसार टीटी के बदले टीडी टीकाकरण की शुरुआत की गई है। हालाकिं  आज  लखनऊ के जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एम के सिंह ने बताया कि ज्यादातर मामलों में टीकाकरण नहीं हुआ था। 2016 में केरल में डिप्थीरिया आउटब्रेक में लगभग 90 प्रतिशत मामले 10 वर्ष से ज्यादा की आयु वर्ग में सामने आए ,हालांकि 1999 से टेटनस के कारण होने वाली मृत्यु की दर में 80% की गिरावट हुई लेकिन डिप्थीरिया का आउटब्रेक बढ़ रहा है, जो डिप्थीरिया के प्रति प्रतिरोधक क्षमता की कमी को जाहिर करता है। पूर्वी यूरोप और दक्षिण अमेरिका में डिप्थीरिया के आउटब्रेक से पता चला कि डीपीटी के टीकाकरण के बाद के नवजात में डिप्थीरिया के विरुद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। आउटब्रेक के बाद इन राज्यों में प्रजनन आयु की महिलाओं के लिए टी.डी. के टीके को अपनाया तथा बड़े बच्चों और किशोरों को टीडी की बूस्टर खुराक उपलब्ध कराई ।

 टी.डी. के टीके से गर्भवती महिलाओं में बढ़ती प्रतिरोधक क्षमता 

गर्भावस्था के दौरान यह टीका रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, और उन गर्भवती महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करता है जिन्हें बूस्टर खुराके पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं हुई है। डिप्थीरिया कोर्नीबैक्टीरियम डिपथेरी बैक्टीरिया से होने वाला दुनिया भर में सबसे खतरनाक संक्रामक रोगों में से एक है जो महामारी का जिम्मेदार है। विशेष तौर पर 2005 से विश्व में डिप्थीरिया का प्रमुख कारण दक्षिण पूर्व एशिया है ।भारत में डिप्थीरिया के मामले कम ज्यादा होते रहते हैं।

टीडी लिए ओपन वायल पॉलिसी लागू है

जिनको टीटी की पहली खुराक लग चुकी है उन्हें भी दूसरे खुराक के रूप में टीडी का टीका दिया जाना चाहिए। जिनमें 10 और 16 वर्ष के बच्चों के लिए ,गर्भवती महिला एवं किशोरों के बीच जागरूकता के लिए स्कूल स्वास्थ्य एवं किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के सम्मेलन को मंच के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा ।स्कूल जाने वाले बच्चों को कवर करने के लिए राज्य टी डी के टीके के साथ वार्षिक अभियान की योजना भी बना सकते हैं ।इसमें 5 वीं कक्षा तथा 10 /11 वीं कक्षा के बच्चों को कवर करने का विचार किया जाएगा
उन्होंने बताया कि लखनऊ में टीडी के टीके लगाना शुरू किया जा चुका है। टीडी लिए ओपन वायल पॉलिसी लागू है।

 

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