*अब तक तकरीबन 7 गौवंशों की हो चुकी है मृत्यु*
पिहानी/हरदोई।शासन के आला फरमान का पालन करते हुए पालिकाध्यक्ष व पालिका प्रशासक ने हाल ही में कस्बे के अंदर कोतवाली पिहानी मुख्य द्वार के पास पुराने कांजी हाऊस को अस्थाई गौशाला केन्द्र बनवा दिया और उसमें तकरीबन 41आवारा गौवंशों को पकड़कर संरक्षण दिया गया।प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो शासन द्वारा तत्काल प्रभाव से गौशालाएं स्थापित कर उनमें आवारा घूम रहे गौवंशों को पकड़कर संरक्षित करने के आदेश तो निर्गत कर दिए मगर उनके चारे और पालन-पोषण में खर्च धनराशि तथा देख-रेख में लगने वाले कर्मचारियों का कोई बेहतर प्रावधान नहीं किया गया है।जिसके कारण ये गौशालाएँ गौवंशों के लिए गौ कैद शालाएँ बन गई हैं जहाँ आए दिन गौवंशों की मृत्यु हो रही है और शासन प्रशासन चुप्पी साधे हुए है।इससे पहले भी स्थानीय संवाददाता ने कस्बे की गौशाला और उसकी अनियमितताओं का प्रकाशन कराया था।उन खबरों में स्थानीय संवाददाता ने ये आगाह किया था कि यदि समय रहते इनकी देख रेख के कोई पुख्ता इंतजाम न हुए तो ये बेजुबान गौवंश बीमार होकर मरने लगेंगे जिनके जरासीन कस्बे में बीमारी का प्रकोप बन सकते हैं।जिस पर सुनवाई न होने के कारण आज स्थिति यह है कि प्रतिदिन सुबह एक आध गौवंश बीमार मिलता है तो एक आध गौवंश हर तीसरे चौथे चारै के अभाव में बीमारी के कारण मरा मिलता है।आज सुबह आठवें गौवंश की मृत्यु हुई जिसे पालिका म्युनिसिपाॅलिटी के कर्मचारी उठाकर स्थाई कूड़ादान में जाकर डाल आए और वहां से नगर में मच्छरों का बढ़ता प्रकोप बीमारियों को दावत दे रहा है।
सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में गौवंशों की सुरक्षा के लिए गौशालाएँ बनवाकर उनमें गौवंशों को पकड़कर उनका पालन कराया जा रहा है।मगर सामान्यतः देखने में आया है कि जिन गौवंशों को इन गौशालाओं में पकड़कर रखा गया है उनको न ही भर पेट चारा मिल रहा है और न ही खुले वातावरण की आबो-हवा मिल रही है।जिसके कारण वे हैरान परेशान और बीमार होकर मर रहे हैं।इन गौशालाओं में कैद गौवंशों के सापेक्ष खुले में घूम रहे गौवंश या पालतू गौवंश काफी सुरक्षित और हष्ट पुष्ट दिखाई देते हैं।
No comments:
Post a Comment