सुल्तानपुर—- सम्भागीय परिवहन विभाग जहाँ दो पहिया वाहन से लेकर चार पहिया वाहन तक के लाइंसेस से लेकर लोडिंग गाड़ियों के परमिट बनाये जाते है । ऑफिसों में बाकायदा मोटे अक्षरों में लिखा भी होता है कि दलालों से सावधान लेकिन ताज्जुब यह है कि जिनके निर्देश पर दलालों से सावधान लिखाया गया है उन्ही के मौजूदगी में दलाल बाकायदा अपने कामो को अंजाम देते चले आ रहे है अगर सच्चाई जानना चाहते है तो खुद ए आर टी ओ ऑफिस जाकर खुद जान सकते है सूबे की सरकार भले ही भृस्टाचार कि रोकथाम लगाने के लिये संकल्पित हो और जिनके दम पर भृस्टाचार का दम भर्ती है जब ऐसे अधिकारी के समक्ष दलाल के माध्यम से काम होगा तो कैसे खत्म होगा भृस्टाचार यह तो खुद ही समझ सकते है ।
जनपद में चल रहे पुराने स्कूली वाहन—–
जनपद में नए सत्र से स्कूल संचालित हो चुके है लेकिन स्कूलों में आज भी पुराने गाड़ियों से बच्चो को स्कूल ले जाया और लाया जा रहा है जब कि पुरानी गाड़ियों के चलते प्रदेश में कई बार घटनाएं भी घटित हो चुकी है लेकिन सम्भागीय परिवहन विभाग मूक बधिर की तरह किसी अनहोनी का इंतजार कर रहा है यही नही जिले में कई गाड़िया दूसरे राज्य से लाकर पुरानी चलाई जा रही है जिनका न तो परमिट है न तो अनन्य कागजात जिनसे प्रतिदिन सवारी अपनी जान हथेली पर रख कर यात्रा करते है लेकिन सम्भागीय परिवहन विभाग की नजरें इन बसों पर नही पड़ रही है इसी तरह रात्रि में इलाहाबाद बनारस रोड पर ओवर लोड गाड़ियां धडल्ले से आवागमन होती है लेकिन सम्बंधित बिभाग के अधिकारी राम भरोसे कर अपनी नोकरी चला रहे है ऐसा नही कि इन सारे पहलुओं से सम्बंधित बिभाग के अधिकारी अन्नभिग हो लेकिन सूत्रों की माने तो अगर मामला गुलाबी कागज से हो तो जान कर भी अन्नभिग बनना पड़ता है ।
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