स्वास्थ्य सभी का मौलिक अधिकार- सुनील यादव

लखनऊ। विश्व स्वास्थ्य दिवस पर आम जनता के नाम संदेश देते हुए उत्तर प्रदेश फार्मेसी कौंसिल के पूर्व चेयरमैन सुनील यादव ने कहा कि’स्वास्थ्य मानव का मौलिक अधिकार है,हर जगह और हर किसी को स्वास्थ्य मिलना ही चाहिए’इसीलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आज का विषय “सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज हर कोई,हर जगह निर्धारित किया है।
स्वास्थ्य पर खर्च की वजह से गरीबी में जीने को मजबूर— सुनील यादव
सुनील यादव ने बताया कि स्वास्थ्य एक मानव अधिकार है और सभी के लिए स्वास्थ्य कवरेज संभव भी है, इसके लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों और सरकार को इसे पूरा करने का संकल्प लेना होगा ।यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज का मतलब है कि सभी लोगों को वित्तीय कठिनाई के बिना, कभी भी और कहीं भी जहां उनकी आवश्यकता हो वहां गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाए उन तक पहुँचे।
आज दुनिया मे स्वास्थ्य पर खर्च की वजह से हर साल लगभग 100 मिलियन लोगों को अत्यधिक गरीबी में जीने को मजबूर होना पड़ता है । इंडिया हेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक सार्वजनिक स्वास्थ्य की सेवाएं अभी भी पूरी तरह से मुफ्त नहीं हैं । स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रशिक्षित लोगों की काफी कमी है। अस्पतालों में बिस्तर की उपलब्धता भी आवश्यकता से कम है।
मानव संसाधन बढ़ाये जाने पर सरकार को देना होगा जोर
स्वास्थ्य के क्षेत्र को पूरी तरह निःशुल्क, गुणवत्तापूर्ण और सर्वसुलभ बनाया जाना आवश्यक है । औषधि निर्माण, अनुसंधान के क्षेत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है । भारत मे फार्मेसी प्रोफेशनल लगभग 12 लाख से अधिक हैं, और हर साल इसमे बढ़ोत्तरी हो रही है, सरकारों को इनका प्रयोग स्वास्थ्य क्षेत्र को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए करना चाहिए ।
79.2 प्रतिशत बच्चे एनीमिया रक्ताल्पता से पीडि़त
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार तीन वर्ष की अवस्था वाले 3.88 प्रतिशत बच्चों का विकास अपनी उम्र के हिसाब से नहीं हो सका है और 46 प्रतिशत बच्चे अपनी अवस्था की तुलना में कम वजन के हैं जबकि 79.2 प्रतिशत बच्चे एनीमिया रक्ताल्पता से पीडि़त हैं। गर्भवती महिलाओं में एनीमिया 50 से 58 प्रतिशत बढ़ा है। अगर प्राथमिक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, जागरूकता बढ़ जाये तो ये आंकड़े निश्चित ही बदलेंगे ।

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