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Thursday, 4 April 2019

हरदोई- डग्गामार वाहन और फुटपाथों पर कब्जे से आमजन परेशान, जिम्मेदार मस्त जनता पस्त

जाम के झाम से बेहाल हरदोई,

हरदोई।महत्वपूर्ण बिंदु जाम के झाम से परेशान हरदोई वासी, ट्रैफिक की प्रशासनिक व्यवस्थाओं में लगा जंग, लाखों खर्च कर लगाई गई लाल बत्ती बनी दिखावा, स्कूल की बसों और अवैध बस अड्डों से फुटपाथ पर चलना मुश्किल, जिम्मेदार कह रहे है। जल्द ही निकाला जाएगा हल, जाम, फुटपाथों पर कब्जे से शहर वासियों का फुटपाथ पर चलना मुश्किल,जाम अतिक्रमण के कारण कई बार हो चुकी है बड़ी दुर्घटनाएं। जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार शहरों को स्मार्ट बनाने के मिशन पर काम कर रही है। वहीं हरदोई का जिला प्रशासन सरकार की मंशा पर पानी फेर रहा है।शहर और शहर वासी रोजाना शहर में लगने वाली जाम के झाम से परेशान हैं।सड़क पर छोड़िए फुटपाथ पर भी चलना मुश्किल है 500 मीटर का रास्ता जाम के कारण घंटों में तय किया जाता है। यातायात पुलिस इस मामले को लेकर अनजान है ।और यातायात चेक पोस्टों में ताला पड़ा हुआ है।वहीं जिम्मेदार मामले का जल्द हल निकालने की बात कहते हैं।और शहर की जनता इस रोज पेश आने वाली समस्या से परेशान है।कस्बे से शहर हुआ पतली रोडो की जगह चौड़ी रोडो ने ले ली और सौ वाहन की जगह हजार वाहन शहर में सड़कों पर चलने लगे गांव से शहर आए थे सोचा था एक अच्छी जिंदगी जिएंगे लेकिन मिले सिर्फ कंक्रीट के जंगल जाम प्रदूषण और अव्यवस्था हरदोई इस समय बेतरतीब शहर में घुसने वाले ट्रैफिक से परेशान है।हर चौराहे हर रोड का फुटपाथ कब्जा है।और प्रशासनिक अमला खानापूर्ति में मस्त है। ऐसे में आम लोगों को जाम के झाम से रोजाना दो चार होना पड़ता है।शहर के आमजन बताते हैं कि जाम को खुलवाने के लिए प्रशासन सिर्फ दिखावा करता है।जमीनी हकीकत बदरंग है।शहर के अंदर बेतरतीब ट्रैफिक घुस रहा है।जिस पर यातायात प्रशासन का कोई भी ब्रेक नहीं है।चाहे शहर का जिंद पीर चौराहा हो सिनेमा चौराहा हो सोल्जर बोर्ड चौराहा हो नुमाइश चौराहा बड़ा चौराहा हो सभी चौराहे जाम के झाम से परेशान हैं और वहां से गुजरने वाले लोग उससे भी ज्यादा परेशान हैं।फुटपाथ पर अवैध अतिक्रमण कारियों का कब्जा है।चौराहों के अगल-बगल अवैध बस अड्डों का कब्जा है।और इन सभी समस्याओं के कारण आए दिन बड़ी दुर्घटनाएं भी शहर को आइना दिखाती हैं। स्कूल की बसे शहर के अंदर घंटो जाम लगाती हैं।शायद यही पुलिसिंग है और यही प्रशासन के काम करने का तरीका भी है शहर की यातायात व्यवस्था के ठेकेदार पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी कहते हैं।इस समस्या पर विचार किया जा रहा है।जल्द ही इसका हल निकाल लिया जाएगा वहीं रोजाना इस समस्या से परेशान हरि आम लोग बताते हैं शहर में ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए लगाई गई पुलिस अपने दूसरे कामों में व्यस्त रहती है।जाम के झाम से शहरवासी परेशान हैं।जाम को खुलवाने के लिए पुलिस का कोई रोल नहीं है।शहर के अंदर घुसने वाले ट्रैफिक को जब तक कंट्रोल करके नहीं निकाला जाएगा तब तक इस समस्या का हल नहीं हो सकता है।वही इस समस्या से आम जनमानस की रोज की जिंदगी अस्तव्यस्त हो गई है। जाम के कारण दुर्घटनाएं होती हैं।अवैध बस अड्डे चौराहों के इर्द-गिर्द संचालित किए जा रहे हैं।फुटपाथ पर चलना मुश्किल है। यह सब पुलिस की मिलीभगत से हो रहा है।लेकिन हम तो यही कहेंगे कि प्रशासन को आम जनता की समस्याओं का हल जल्द ही निकालना चाहिए क्योंकि जनता के टैक्स के पैसे से सारे सिस्टम चलते हैं।और जब इन सिस्टम में जंग लगने लगती है। तो प्रशासन के खिलाफ यही जनता आवाज बुलंद करती है।उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया ने अपने मातहत पुलिसकर्मियों अधिकारियों को बताया था कि सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद होनी चाहिए लेकिन हरदोई पुलिस और प्रशासन पर इसका असर नहीं दिखाई देता है बड़े-बड़े ट्रैफिक के इस्तहार तो लगाए गए हैं।लेकिन पुलिस इन इश्तहारों के माध्यम से आम जनता को चलना नहीं सिखा रही है शहर की गलियां रोडो के फुटपाथ चौराहे अतिक्रमण कब्जे का शिकार हैं।और दबी जुबान में लोगों का कहना है कि पुलिस इनसे हफ्ता ले रही है।और इस बड़ी समस्या से शहरवासियों को दो-चार होना पड़ता है।फुटपाथ पर चलना तो गुजरे जमाने की बात हो चुकी है।रोड पर जाम है और चलने वाले इस जाम के झाम से परेशान हैं

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