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Wednesday 3 April 2019

पुजारी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या, ग्राम प्रधान समेत दो गिरफ्तार 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के में बेखौफ  बदमाशों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है।
 पुलिस अपराधों पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही हैं। बदमाशों ने फिर पुलिस को चुनौती देते हुए चिनहट इलाके में एक पुजारी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी। फायरिंग के दौरान पुजारी के ड्राइवर को भी गोली लगी है। हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद हत्यारे मौके से फरार हो गए। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। हत्या का कारण जमीनी विवाद बताया जा रहा है। पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं हत्या की वारदात से गांव में दहशत का माहौल है। पुलिस ने एक ग्राम प्रधान समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के अनुसार, चिनहट थाना क्षेत्र स्थित  सतरिख रोड पर शेखर होटल के पीछे सरायशेख गांव में पल्टूदास की कुटिया है। इस कुटिया में दिनेशानंद बाबा (40) काफी वर्षों से रह रहे हैं। बताया जा रहा है कि दिनेशानंद बाबा पुजारी हैं जो बुधवार दोपहर को सतरिख रोड पर भारतीय स्टेट बैंक की शाखा के पास सुशील यादव के द्वारा जमीन पर कब्जेदारी को लेकर पैमाइश करवा रहे थे। इस दौरान उनके साथ  विपक्षी ग्राम प्रधान दिलीप विश्वकर्मा व सुशील यादव समेत लेखपाल, कानून-गो भी मौजूद थे। जमीन की पैमाइश के दौरान दोनों पक्षों में कुछ विवाद हुआ। बाद बढ़ने पर किसी सुशील ने लाइसेंसी पिस्टल से दिनेशानंद पर ताबड़तोड़ फायरिंग झोक दी। बुरी तरह लहूलुहान पुजारी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।  फायरिंग में एक ड्राइवर रामसुमिरन को भी गोली लगी है। गोली लगते ही मौके पर भगदड़ मच गई। इस दौरान हत्यारा मौके से फरार हो गया। घटना की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। प्रधान, सुशील और उनके भाई सहित आधा दर्जन लोगों पर हत्या का आरोप है। तनाव को देखते हुए मौके पर पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। फिलहाल  पुलिस ने दिलीप व सुशील को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि राकेश यादव समेत कई नामजद अभी फरार है।
पुलिस को बिना सूचित किये पैमाइश 
बताया जा रहा है कि नायब तहसीलदार, पटवारी, कानून-गो और लेखपाल बिना सुरक्षाकर्मियों के पुलिस को सूचना दिए बिना ही जमीन की पैमाइश कराने के लिए पहुंचे थे। इन प्रशासनिक अधिकारियों पर स्थानीय लोगों ने लापरवाही का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि  मृतक पुजारी जिलाधिकारी के आध्यात्मिक गुरू थे।
तीन बीघा जमीन पर पुजारी का कब्जा 
जानकारी के मुताबिक पुजारी  दिनेशानंद करीब तीन वर्ष पहले गांव में आया था। जहां एक मंदिर में पुजारी बन कर पूजा पाठ करने लगा। ग्राम प्रधान दिलीप की मदद से मंदिर का निर्माण कराया गया। बताया जा रहा है कि पुजारी ने लोगों को झांसे में लेकर अधिकारियों से मिलकर तीन बीघा जमीन में घर भी बना लिया। इसके थोड़े दिन बाद पत्नी व अपने बच्चों को भी बुला लिया। इस बात जानकारी ग्राम प्रधान दिलीप को हुई तो वह ऐतराज करने लगा। जिससे दोनों में तनाव हो गया।  इतना ही नहीं पुजारी गांव के सभी मामलों में हस्तक्षेप भी करने लगा।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप 
पुजारी का चालक राम सुमिरन की पत्नी का यह आरोप है, कि गोली कोटेदारी को लेकर विवाद चल रहा था।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस को पहले से ही पता था कि यह दबंग किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते है । लेकिन फिर भी चिनहट पुलिस अपनी आंखे बंद किये हुए चुप चाप बैठी रही । सबसे ज्यादा हैरानी वाली बात यह है की आचार संहिता लगने के बाद भी शस्त्र जमा नहीं हुए और जिस कारण से आये दिन हत्या की घटनाएं देखने को मिल रही है ।
इलाके में पुजारी की थी धमक 
ग्रामीणों की माने तो बीते तीन वर्षो में पुजारी ने इलाके में काफी धमक बना ली थी। वह पूजा-पाठ के अलावा जमीन के कारोबार में लग गया। इतना ही नहीं वह बोलेरो से चालक के साथ धमक से चलता था। सूत्रों की माने तो वह प्रधानी के चुनाव लड़ने की भी तैयारी कर रहा था। बताया जा रहा है कि जिलाधिकारी का आध्यात्मिक गुरू होने के कारण उसकी अधिकारियों में काफी पैठ थी। जिसके चलते उसने काफी जमीनों पर कब्जा भी कर रखा था।

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