हिंदु धर्म के शास्त्रों में मानव जीवन से कुछ रहस्य जुड़े हुए हैं। जिसमें जन्म से लेकर मृत्यु तक का विशेष प्रकार से वर्णन किया गया है।
जन्म और मौत के जिन रहस्यों को सांइस बर्षों बाद बता रही हैं वो हिंदू शास्त्रों ने हजारों वर्ष पहले वर्णित कर दिया था। गर्भ उपनिषद में स्त्री-पुरूष के साथ संभोग से लेकर मां के गर्भ में बच्चे का कैसे विकास होता है और किस प्रकार जन्म लेता इन सब बातों के बारे में बताया गया है।
इतना ही नहीं गर्भ उपनिषद में यह भी बताया गया है कि किस प्रकार से किन्नर की उत्पत्ति होती है। मां के गर्भ से किन्नर के जन्म लेने के रहस्यों के बारे में बताया गया है।
इस उपनिषद में गर्भ संस्कार के बारे में कुछ निर्देश दिए गए हैं। इस बारे में इस बात को स्पष्ट रूप से बताया गया है कि पति-पत्नी को किस दिन सेक्स करना चाहिए और किस दिन नहीं।
नियमानुसार अगर दंपति संतान प्राप्ति के लिए संभोग कर रहे हैं तो उन्हें किस दिन एक दूसरे से दूर रहना चाहिए इसके बारे में गर्भ संस्कार में पूरी जानकारी दी गई है।
गर्भ संस्कार के मुताबिक यदि शुभ दिनों में स्त्री गर्भधारण करे तो उसकी आने वाली संतान मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ और गुणी होती है। लेकिन अशुभ दिन में गर्भधारण करने से अशुभ ग्रहों का असर होने वाली संतान पर होता है। ऐसे में पैदा होने के बाद यह संतान एक के बाद एक परेशानियां खड़ी करता है।
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