नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के सात चरणों में वोटिंग के दौरान अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ हुई हिंसा की शिकायत करने के लिए भाजपा नेताओं ने सोमवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की। इसके अलावा उन्होंने पश्चिम बंगाल सहित कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में फिर से मतदान की मांग की। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि चुनाव आयोग को हिंसा की विस्तृत जानकारी दी गई है।
उन्होंने कहा, ‘हमने चुनाव आयोग को हमारे कार्यकर्ताओं पर हुई हिंसा की विस्तृत जानकारी दी है। हमने उन क्षेत्रों में फिर से मतदान की मांग की है, जहां सातवें और पहले के चरण में और विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में हिंसा हुई।’
पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा सीटें हैं। यहां सात चरणों में चुनाव हुआ और प्रत्येक में चुनावी हिंसा की सूचना मिली। मतदान के अंतिम दिन भी, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित रूप से भाजपा कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों पर हमला किया गया।
बारासात निर्वाचन क्षेत्र के तहत राजारहाट में भाजपा शिविर कार्यालय में आग लगा दी गई। मथुरापुर के रायडीह में कच्चे बम फेंके गए और टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर मतदाताओं को धमकाया गया। बसीरहाट से टीएमसी और भाजपा समर्थकों के बीच झड़पें हुईं।
मतदाताओं ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर वोट डालने से रोकने का आरोप लगाते हुए निर्वाचन क्षेत्र में मतदान केंद्र संख्या 189 के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। दक्षिण कोलकाता से बीजेपी के उम्मीदवार, चंद्र कुमार बोस ने टीएमसी को ‘एक आतंकवादी संगठन’ के बराबर बताया और आरोप लगाया कि पार्टी कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ‘जिहादी ब्रिगेड’ से खतरा है।
आसनसोल के सांसद और बीजेपी नेता बाबुल सुप्रियो ने कहा कि हिंसा ममता बनर्जी अपने ‘प्रतिशोध’ को पूरा कर रही है। उन्होंने कहा कि जब सीएम कह रही हैं कि वह बदला लेंगी, यह कोई नई बात नहीं है। TMC को यह CPM से विरासत में मिला। उनकी विश्वसनीयता चली गई है। अगर वे कहते हैं कि वे हिंसा में लिप्त नहीं हैं, तो इससे उनकी छवि धूमिल होती है।
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