लखनऊ। राजधानी लखनऊ के अमीनाबाद थाना क्षेत्र के हीवेट रोड स्थित संजय इलेक्ट्रॉनिक्स के दुकान व गोदाम में बृहस्पतिवार सुबह आग लग गई। गोदाम से सुबह आग की लपटें और धुआं निकलता देख ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने मालिक को सूचना दी। देखते-देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। भूतल पर स्थित दुकान भी आग की चपेट में आ गया। सूचना पर पहुंची दमकल की पांच गाड़ियाें ने तीन घंटे की मशक्कत केबाद आग पर काबू पाया।
प्रभारी निरीक्षक अमीनाबाद सुनील कुमार दुबे के मुताबिक, हीवेट रोड निवासी संजय जायसवाल का हीवेट रोड पर दुकान व गोदाम है। एक में सोमिल ट्रेडर्स तो दूसरी तीन मंजिला इमारत में उनका संजय इलेक्ट्रिकल्स के नाम से दुकान है। बृहस्तिवार सुबह करीब 08:30 बजे इलेक्ट्रानिक्स दुकान के बेसमेंट में स्थित गोदाम में शार्ट सर्किट से आग लग गई। गोदाम से धुंआ और आग की लपटें निकलती देख स्थानीय लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। शोर सुनकर दुकान मालिक संजय जायसवाल और कुछ दूर पर खड़े चौकी प्रभारी एसपी सिंह पहुंचे। उन्होंने आनन फानन दमकल को सूचना दी।
पड़ोस के लोगों की मदद से तोड़ा गया दुकान के शटर का ताला
चौकी प्रभारी ने पुलिस कर्मियों और आस पड़ोस के लोगों की मदद से दुकान के शटर का ताला तोड़ा। इसके बाद पानी फेंककर आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू किया। देखते देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और भूतल पर स्थित इलेक्ट्रानिक्स दुकान भी चपेट में आकर जलने लगी। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि प्रथम तल पर स्थित कपड़े की दुकान का अगला हिस्सा भी चपेट में आ गया। उधर, सूचना पर कलेक्ट्रेट परिसर में खड़े दमकल कर्मी आनन फानन पहुंचे। इस बीच हजरतगंज और चौक फायर स्टेशन से भी गाड़ियां लेकर कर्मचारी आ गए और फायर फाइटिंग शुरू कर दी।
दमकल कर्मियों ने तीन घंटे में पाया आग पर काबू
दमकल कर्मियों ने करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। आग की चपेट में आने से गोदाम और दुकान में रखे कूलर, एसी, प्लास्टिक के पाइप समेत अन्य सामान जलकर राख हो गया। एफएसओ हजरतगंज ने बताया कि आग संभवत: शार्ट सर्किट के कारण लगी थी। समय रहते आग पर काबू पा लिया गया जिसके कारण प्रथम और द्वितीय तल पर स्थित कपड़े की दुकानें बच गई नहीं तो हादसा बड़ा होता।
सात साल पहले हुए हादसे में गई थी पिता की जान
इलेक्ट्रानिक्स दुकान में सात साल पहले 27 अप्रैल 2012 को आग लगी थी। हादसे को याद कर संजय व उनका परिवार सहम गया। सात साल पहले लगी आग में संजय के पिता राजकुमार की जलकर मौत हो गई थी। जैसे आग की लपटें ऊपर उठती परिवारीजनों की धड़कने बढ़ने लगती। दमकलकर्मियों ने जब आग पर काबू पा लिया तो संजय की आंखों में पुराने अग्निकांड का खौफ साफ झलक रहा था। आंसू केजरिए वह दर्द बाहर निकलने लगा।
दुकान में कई बार हो चुके हैं अग्निकांड
संजय ने बताया कि दुकान और गोदाम में कई बार अग्निकांड हो चुके हैं। आलम यह है कि अग्निकांड की घटना की जानकारी होते ही परिवारीजन हताश हो जाते हैं। संजय के मुताबिक दुकान में करीब चार-पांच बार आग लग चुकी है। प्रभारी निरीक्षक सुनील दुबे के मुताबिक आग से कितने का नुकसान हुआ है। इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। अभी तक व्यापारी ने कोई तहरीर नहीं दी है। तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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