नई दिल्ली। CBSE Result 2019 जारी हो चुका है। रिजल्ट भी शानदार रहा है। इस बार की टॉपर दो लड़कियां रही हैं, जिन्होंने 500 में से 499 अंक हासिल किए हैं। टॉपर हंसिका शुक्ला गाजियाबाद डीपीएस और करिश्मा अरोड़ा मुजफ्फरनगर के एसडी पब्लिक स्कूल की छात्रा हैं। क्षेत्रवार बात करें तो CBSE रिजल्ट में त्रिवेंद्रम क्षेत्र ने 98.2 फीसद के साथ बाजी मारी है। चेन्नई क्षेत्र 92.93 फीसद रिजल्ट के साथ दूसरे और दिल्ली क्षेत्र 91.87 फीसद के साथ तीसरे स्थान पर रहा है। रिजल्ट आ गया अब आगे क्या…? यहां जानें आपके आगे करियर का क्या हो सकता है प्लान…
12वीं के बाद आपके लिए कौन-सा करियर बेहतर होगा, जानें
रिणाम सामने है अब बारी है आगे अपने लिए बेस्ट करियर चुनने की। इस दिशा में जो सबसे बड़ी मुश्किल है किस करियर का चुनाव किया जाए जो आपकी पर्सनैलिटी को सूट करे, आपको आगे बढऩे में मदद करे। इस समय सलाह तो कई मिल रहे होंगे। कैसे चुनें अपना करियर… यहां क्लिक करके जानें
12वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम आने के बाद विद्यार्थियों कौन सा विषय चुने इसकी सबसे ज्यादा चिंता रहती है उन्हें समझ नहीं आता की भविष्य में उनके लिए कौन सा विषय फायदेमंद होगा और कौन सा नहीं, इस मुद्दे पर दिल्ली के जेएम इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल अनुराधा गोविंद एक वाकया सुनाती हैं। यहां क्लिक करके जानें कैसे पीयर प्रेशर से मुक्ति पाएं…
साइंस, कॉमर्स हो या आर्ट्स हर स्ट्रीम में नए विकल्पों की भरमार
बदलते वक्त के साथ आजकल हर स्ट्रीम (साइंस, कॉमर्स या आर्ट्स) की पढ़ाई का महत्व बढ़ता जा रहा है। कोई भी स्ट्रीम किसी से बिल्कुल कमतर नहीं है। ऐसे में 12वीं के बाद आप चाहे साइंस और कॉमर्स विषयों की पढ़ाई करें या फिर आर्ट्स की, ये तीनों ही स्ट्रीम आपको उभरते मार्केट एवं इंडस्ट्री में बेहतर तरीके से स्थापित करने का दमखम रखते हैं। यहां क्लिक करके जानें
दिल्ली की शैली चौधरी के 12वीं में कम नंबर होने की वजह से उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के किसी भी कॉलेज में एडमिशन नहीं मिला था। लेकिन शैली ने हार नहीं मानी। उन्होंने आगे की पढ़ाई डीयू के ओपन स्कूलिंग (एसओएल) से की। शैली ने ईस्ट लोनी रोड, शाहदरा के सरकारी स्कूल से 12वीं पास की थी। 12वीं में 67 पर्सेंट मार्क्स आए थे। यहां क्लिक करके जानें क्या हैं वो ऑप्शन
पैरेंट्स को सुझाव- रिजल्ट के बाद बच्चों पर न थोपें अपनी इच्छाएं
भारतीय पैरेंट्स की सबसे बड़ी समस्या है कि वह ज्यादा पीयर प्रेशर में रहते हैं। उन पर सामज को दिखाने का दबाव होता है कि उनका बच्चा बेस्ट है। शायद इस चक्कर में वह खूबी खो देते हैं, जो एक पैरेंट्स में होती है। एक बच्चे को अगर कोई सबसे ज्यादा जानता, समझता है, तो वह पैरेंट्स ही हैं। यहां क्लिक करके जानें पैरेंट्स क्या करें…
परीक्षा है, तो परिणाम भी आएगा। परिणाम में आप या तो सफल होगें या असफल, लेकिन इसको लेकर ज्यादा दबाव लेने की जरूरत नहीं है। हालांकि, बच्चे परीक्षा के दबाव में आ जाते हैं और मनमुताबिक सफलता न मिलने पर उलटे-सीधे कदम भी उठा लेते हैं। बच्चे ऐसे कदम न उठाएं, इसके लिए पैरेंट्स, टीचर और स्टूडेंट्स के बीच एक उचित बातचीत होनी चाहिए। यहां क्लिक करें और जानें इसको लेकर क्या कहते हैं मोटिवेशन काउंसलर
इंटरमीडिएट हो या दसवीं की परीक्षा का रिजल्ट, घर में ऐसा माहौल होता है कि एक बार पास तो सब कुछ बेमिसाल। आप अगर ऐसा सोच रहे हैं, तो यह बिल्कुल गलत हैं। इंटरमीडिएट का मतलब है कि Enter In life यानि जिंदगी की शुरुआत। बतौर छात्र आपके प्रोफेशनल करियर की एक शुरुआत है, लेकिन यह सब कुछ नहीं है। क्लिक करें और जानें असफलता को पीछे छोड़कर कैसे आगे बढ़ें
असफलता भी एक मौका है, इन लोगों से सीखें जो फेल हुए और सफल भी
परीक्षाओं में खराब नतीजों से कभी परेशान नहीं होना चाहिए। असफलता भी आपको एक मौका देती है कि ताकि आप खुद को समझने का अवसर दें। देश-दुनिया में कई ऐसे लोग है, जिन्होंने असफलताओं के बाद ही सफलता हासिल की। एक चीज हम आपको बताना चाहते हैं कि दुनिया के सबसे तेज दिमाग शख्सितें शुरुआत में अक्सर असफल ही रही हैं।

No comments:
Post a Comment